बनारस में होटलों और पर्यटक स्थलों में भारी भीड़, आने से पहले कर लें तैयारी
गर्मियों के साथ ही स्कूल और कालेजों में अवकाश की शुरुआत हो जाती है। इसके साथ ही शैक्षणिक संस्थान गर्मियों में बंद होने से कर्मचारी और छात्र टूरिस्ट स्थलों की ओर रुख करने लगते हैं। उत्तराखंड में इन दिनों अचानक लाखों पर्यटकों की भीड़ होने के कारण वहां टैफिक जाम होने के साथ ही पर्यटकों की वजह से दुश्वारियों का दौर चल रहा है। ऐसे में अब उत्तर प्रदेश में धार्मिक वजहों से आने वाले पर्यटकों की वजह से भी खूब भीड़ लग रही है। यूपी में सर्वाधिक भीड़ वाराणसी में उमड़ रही है। हालात यह हो गए हैं कि कई होटलों ने पर्यटकों के लिए माह भर होटल फुल होने का संदेश चस्पा कर दिया है।
वाराणसी में गंगा घाट के किनारे होटलों की अधिक डिमांड है। इसके अलावा बजट होटल और ओयो होटल भी खूब आनलाइन तलाशे जा रहे हैं। वहीं स्टार रेटेड होटलों में जून माह तक के लिए बुकिंग फुल हो चुकी है। कारोबारी नजरिए से माह बेहतर है तो वहीं तैयारी के साथ न आने वाले लोग होटल से होटल भटकने को विवश हैं। इसके साथ ही छोटे होटलों और लॉज के अलावा धर्मशालाएं भी फुल होने से लोग दूर दराज के होटलों में ठहर रहे हैं।
दो साल लगातार कोरोना संक्रमण और इसके आतंक की वजह से घरों में कैद लोगों ने कोरोना संक्रमण में कमी आने के बाद अब घरों से निकलने और पर्यटन गतिविधियों में सक्रियता शुरू कर दी है। कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद से ही वाराणसी में पर्यटकों को लेकर सक्रियता का दौर शुरू हो चुका है। हालांकि, अब दोबारा नए मामलों में इजाफा का दौर शुरू हो चुका है।
बीते वर्ष 13 दिसंबर को नव्य और भव्य श्री काशी विश्वनाथ कारिडोर का पीएम ने लोकार्पण किया और उसके बाद से ही भव्य बाबा दरबार की तस्वीरें सामने आने लगीं। संकरी गलियों में बाबा दरबार में पूर्व के दुखद अनुभवों को सुनने वाले अब यहां की वायरल तस्वीरों में स्पेस वाले बाबा दरबार के दर्शन के लिए उत्सुक नजर आए। दिसंबर और जनवरी में ही पांच लाख पर्यटक उद्घाटन के बाद से आ चुके हैं।
उत्तराखंड में गंगा की लहरों पर सैर सपाटे की चाह रखने वालों के लिए वहां ट्रैफिक जाम की खबरें चिंता पैदा कर रही थीं। वहीं वाराणसी में बाबा दरबार के साथ ही गंगा आरती और गंगा में भ्रमण की संभावनाओं की तलाश में पर्यटक काशी का रुख खूब कर रहे हैं। गंगा आरती देखने के लिए हजारों की भीड़ पूरे घाट क्षेत्र में नजर आ रही है।
गर्मियों की छुट्टियां होने की वजह से कोरोना काल के बाद अब घरों से बाहर निकलने की चाह में पड़ोसी जिलों से भी लोग खूब आ रहे हैं। जबकि ट्रेनों में नई दिल्ली और मुंबई ही नहीं अन्य महानगरों से आने वालों से भी ट्रेनें फुल हो चुकी हैं। बच्चों को घुमाने के लिए भी अभिभावक मोक्ष नगरी काशी में आने को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके अतिरिक्त भी अवकाश के दिनों में लोग विमान सेवाओं के सीधे संचालन की वजह से एक दिन आकर दूसरे दिन लौटने की भी सुविधा की वजह से काशी खूब आ रहे हैं।
वाराणसी में बाबा काशी विश्वनाथ दरबार के अलावा गंगा में भ्रमण और गंगा आरती की खूब डिमांड है। इसके अलावा लोग सारनाथ और बीएचयू के साथ ही बीएचयू वीटी भी जा रहे हैं। वहीं संकट मोचन मंदिर के अलावा सीर गोवर्धन और संत कबीर प्राकट्य स्थल भी डिमांड में हैं। जैन तीर्थंकर के अलावा मठों और गुरुओं को कोरोना काल के बाद नमन करने के लिए लोग मंदिरों और मठों में उमड़ रहे हैं।
धाकड़, पृथ्वीराज चौहान, ब्रह्मास्त्र सरीखी फिल्मों का लेकर भी लोगों के मन में बनारस की नई छवि सामने आई है। ऐसे में घाट पर गंगा आरती करते सितारों को देखकर भी बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन वाराणसी बना है। ऐसे में आने वाले दिनों में भी इसका असर बना रहेगा। कलाकारों के पीछे उनके चाहने वालों की भीड़ भी ऐसे स्थानों का रुख करती है।
वाराणसी में गंगा दशहरा के बाद रथयात्रा मेला और उसके बाद सावन और होली तक लगातार उत्सवों की शुरुआत होती है। गंगा दशहरा के बाद से ही काशी में भीषण गर्मियों के बाद भी लोगों के आने का सिलसिला शुरु हुआ जो होली तक बना रहेगा। वहीं सर्वाधिक भीड़ देव दीपावली के दिन काशी में नजर आएगा जब गंगा में ट्रैफिक जाम सरीखा नजारा दिखने लगेगा।
वाराणसी आने से पहले आनलाइन या आफलाइन तरीके से होटलों या ठहरने वाले स्थलों की बुकिंग पहले कर लें। इसके बाद आने जाने के लिए वाहनों की बुकिंग पहले करना बेहतर रहेगा। इसके साथ ही वाराणसी में अगर आप ठंडे स्थानों से आ रहे हैं तो जान लें कि यहां पारा चालीस डिग्री के पार चल रहा है। ऐसे में सुबह और शाम को ही बनारस में घूमने निकला बेहतर रहेगा। इसके साथ ही सारनाथ में घूमने का समय भी तय है। लिहाजा पहले ही समय का हिसाब कर लें और फिर घूमने निकलें। वहीं प्रमुख रूटों पर ट्रेनों और विमानों में सीट नहीं है। ऐसे में किस्त किस्त में बसों से भी यात्रा की जा सकती है। वाराणसी में अगर आपके पास घूमने के बाद भी समय बच रहा है तो मीरजापुर में विंध्याचल और बारिश में सोनभद्र, मीरजापुर और चंदौली के जल प्रपातों का भी रुख कर सकते हैं।