उत्तराखंडः चंपावत उपचुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस हाईकमान चिंतित, गठित करेगी पाॅलिटिकल एडवाइजरी कमेटी
प्रदेश में पांचवीं विधानसभा चुनाव के बाद अब चंपावत उपचुनाव के परिणाम ने कांग्रेस के मनोबल पर गहरा प्रभाव डाला है। तेजी से सिमट रहे जनाधार को संभालने के लिए विभिन्न वर्गों को शामिल करते हुए पाॅलिटिकल एडवाइजरी कमेटी (पीएसी) गठित की जाएगी।
यह कमेटी अब पार्टी की जनता के बीच पैठ मजबूत करने की रणनीति बनाएगी। भविष्य में पार्टी का राजनीतिक एजेंडा तय करने में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
बता दें कि कांग्रेस हाईकमान राज्य में पार्टी की लगातार कमजोर होती जा रही स्थिति से चिंतित है। देवभूमि उत्तराखंड में पांच साल बाद सत्ता परिवर्तन का मिथक अब टूट चुका है। कांग्रेस को इस मिथक पर तो भरोसा था ही, साथ में यह उम्मीद भी थी कि पिछली भाजपा सरकार के विरोध में एंटी इनकंबेंसी फैक्टर काम करेगा।
पार्टी ने विधानसभा चुनाव में इसी रणनीति के आधार पर चुनाव प्रचार अभियान की रूपरेखा तैयार की थी। पांचवीं विधानसभा के चुनाव परिणाम सामने आए तो पार्टी सकते में आ गई। पार्टी की रणनीति हर स्तर पर नाकाम साबित हो गई।
यद्यपि पार्टी के मत प्रतिशत में वृद्धि हुई और सीटों की संख्या भी 11 से बढ़कर 19 पहुंच गई। इसके बावजूद कांग्रेस सफलता की सीढ़ी चढऩे से काफी दूर रह गई थी। इसे ध्यान में रखकर ही पार्टी नेतृत्व ने प्रदेश में बड़ा बदलाव किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष पदों पर की गईं नियुक्तियों के माध्यम से पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने के संकेत दिए गए। इस बीच चंपावत उपचुनाव की नौबत आई तो कांग्रेस ने अपना पूरा जोर मत प्रतिशत बढ़ाने पर झोंक दिया।
इसके माध्यम से संदेश देने की कोशिश चुनाव परिणाम सामने आते ही धड़ाम हो गईं। पार्टी प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी 55 हजार मतों के बड़े अंतर से पराजित हो गई। एक बार फिर रणनीतिक मोर्चे पर मिली निराशा से उबरने के लिए अब प्रदेश स्तर पर पीएसी के गठन का निर्णय लिया गया है।
यह काम जल्द किया जाएगा, ताकि प्रदेशभर में पार्टी की सक्रियता बढ़ाई जा सके। साथ में कार्यकर्ताओं के मनोबल को भी सहारा दिया जाए। लगातार हार से प्रदेश में पार्टी के दिग्गज नेताओं से लेकर कार्यकर्त्ताओं पर बुरा असर देखा जा रहा है।
पीएसी में युवाओं के साथ ही अनुसूचित जाति, जनजाति समेत विभिन्न वर्गों को प्रतिनिधित्व देने के संकेत हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि पार्टी हाईकमान से इस बारे में हरी झंडी मिल चुकी है। हाईकमान के स्तर से ही नई कमेटी के गठन के आदेश जारी किए जाएंगे।