केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मानसून के दौरान देश में बाढ़ की स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए गुरुवार शाम एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक गृह मंत्रालय के कार्यालय में शाम चार बजे शुरू हुई। दरअसल, केरल में तीन दिन पहले मानसून और तमिलनाडु, बिहार और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में हुई भारी बारिश के मद्देनजर केंद्र सरकार सतर्क हो गई है।
वहीं इस बैठक से जुड़े अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि यह एक वार्षिक समीक्षा बैठक है। इस बैठक में गृह मंत्री तैयारियों का जायजा लेते हैं और केंद्र और राज्य एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करने के निर्देश देते हैं ताकि बाढ़ की भविष्यवाणी और जल स्तर में वृद्धि के लिए एक स्थायी प्रणाली हो सके। गृह मंत्री ने पिछले साल 15 जून को भी इसी तरह की बैठक की थी।
बैठक में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री गजेंद्र शेखावत, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के महानिदेशक और केंद्रीय जल आयोग के महानिदेशक सहित अन्य संबंधित अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।
केंद्रीय गृह मंत्री से जल शक्ति मंत्रालय को बड़े बांधों से गाद निकालने के लिए एक तंत्र तैयार करने की सलाह देने की उम्मीद है, जिससे बांध भंडारण क्षमता बढ़ाने और बाढ़ नियंत्रण में मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री एनडीआरएफ को बाढ़ प्रभावित राज्यों के राज्य आपदा प्रतिक्रिया बलों के प्रमुखों के साथ बैठक करने का भी निर्देश दे सकते हैं।