Indus Waters Treaty: भारत-पाक का क्या है सकारात्मक कदम, आखिरी दौर में पहुंची स्थायी सिंधु आयोग की बैठक

भारत और पाकिस्तान के बीच नई दिल्ली में हो रही स्थायी सिंधु आयोग की 118वीं दो दिवसीय बैठक अपने अंतिम दौर में पहुंच गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार दोनों पक्षों की ओर से सकारात्मक संकेत देखने को मिले हैं। आयोग की पिछली बैठक इस्लामाबाद में हुई थी। यहां दोनों देशों ने सिंधु जल संधि को सही मायनों में लागू करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी।
सिंधु जल संधि, नदियों के जल के वितरण के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच हुई एक संधि है। इस संधि में विश्व बैंक ने मध्यस्थता की थी और 19 सितंबर 1960 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान ने इस पर हस्ताक्षर किए थे।
इस संधि के अनुसार, तीन पूर्वी नदियों ब्यास, रावी व सतलुज का नियंत्रण भारत को और तीन पश्चिमी नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम का नियंत्रण पाकिस्तान को दिया गया था।