सत्ताधारी पार्टी भाजपा इस समय देश की सबसे धनी पार्टी है। 2019-20 की एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, संपत्ति के मामले में तब भाजपा पहले नंबर पर थी, वहीं देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस तीसरे नंबर पर थी। वहीं बहुजन समाज पार्टी दूसरे नंबर पर थी। वहीं, वित्तीय वर्ष 2020-21 में भारतीय जनता पार्टी को 477.5 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिला है, जबकि इसी अवधि में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को 74.50 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिला है। गौरतलब है कि कांग्रेस को मिला चंदा सत्ताधारी दल को प्राप्त धन का सिर्फ 15 प्रतिशत है। वहीं भाजपा को कांग्रेस से छह गुना से ज्यादा चंदा मिला।
मंगलवार को चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों को मिले चंदे की रिपोर्ट सार्वजनिक की। इस रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा को विभिन्न संस्थाओं, चुनावी ट्रस्टों और व्यक्तियों से 4,77,54,50,077 रुपये मिले। भारतीय जनता पार्टी ने इस साल 14 मार्च को चुनाव आयोग के समक्ष वित्त वर्ष 2020-21 के लिए मिले चंदे का ब्यौरा सौंपा था। वहीं, कांग्रेस द्वारा चुनाव आयोग को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक, उसे विभिन्न संस्थाओं और व्यक्तियों से 74,50,49,731 रुपये मिले।
वहीं, वित्त वर्ष 2019-20 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी संपत्ति 4847 करोड़ रुपये घोषित की थी। यह देश के सभी राजनीतिक दलों में सबसे अधिक है। वहीं, कांग्रेस ने तब अपनी संपत्ति 588.16 करोड़ रुपये घोषित की थी।
दरअसल, चुनाव कानून के प्रावधानों के अनुसार 20,000 रुपये से अधिक खर्च करने की अनुमति वाले चुनाव में आयोग को मिले चंदे की रिपोर्ट दाखिल करनी होती है।बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 2014 में केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए को सत्ता से बेदखल कर दिया था। तब 2014 में नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने थे।