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यूपी विधानसभा सत्र में रहा गरमा गर्मी का माहौल, अखिलेश की बात पर भड़के CM योगी ने कह दी ये बात

उत्‍तर प्रदेश विधानसभा का सत्र बुधवार को काफी गरमा-गरम रहा। बात व्‍यक्तिगत हमलों तक पहुंच गई। समाजवादी पार्टी प्रमुख व सदन में विपक्ष के नेता अखिलेश यादव और डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच तीखी नोकझोंक हुई। डिप्‍टी सीएम की स्‍पीच के दौरान एक समय तो अखिलेश यादव तू-तड़ाक पर उतर आए। इस दौरान सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने जबर्दस्त संयम के साथ राजनीतिक परिपक्‍वता दिखाई। उन्‍होंने डिप्‍टी सीएम का बचाव करते हुए पूर्व सीएम के बर्ताव को अमर्यादित करार दिया। इसी के साथ योगी ने यह भी दिखाया कि उनमें लीडरशिप स्किल कूट-कूटकर भरी है। मौर्य के साथ योगी के रिश्‍तों पर हमेशा ही सवाल उठते रहे हैं। लेकिन, उन्‍होंने साफ मैसेज दिया कि वह अपनी टीम को साथ लेकर चलना जानते हैं। उनकी टीम में किसी तरह के मतभेद नहीं हैं। वह एक सूत्र में बंधी है।

उत्‍तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार का सत्र काफी हंगामेदार था। सबसे पहले अखिलेश यादव सदन में बीजेपी सरकार पर जमकर फूटे। उन्‍होंने योगी सरकार को इतिहास की सबसे विफल सरकार बता डाला। डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य इसका जवाब देने के लिए मैदान में आए। वह बोल ही रहे थे कि अखिलेश ने टोकते हुए पूछा कि आप लोकभवन में कब बैठ पाएंगे? जवाब में मौर्य ने कहा कि लोकभवन में बीजेपी का राज है। यह भी बोले कि आप भरोसा रखिए आपको 25 साल तक केशव प्रसाद सत्‍ता में नहीं आने देगा। साइकिल पंचर हो गई तो अब पंचर शायद उत्‍तर प्रदेश की जनता ठीक करेगी।

धीरे-धीरे माहौल गरम होने लगा। डिप्‍टी सीएम के लिए अखिलेश बोले कि ये PWD मंत्री रहे हैं, ये भूल गए। इनके जिले के मुख्‍यालय की सड़क किसने बनाई? बताइए… बताइए।’ इस पर विधानसभा अध्‍यक्ष ने टोका कि आपस में बहस नहीं करें। इसके बाद दोबारा मौर्य के बोलने की बारी आई। उन्‍होंने पलटवार करते हुए कहा, ‘2027 में चुनाव आएगा। मैं यह मानता हूं कि फिर कमल खिलेगा।’ सैफई का जिक्र करते हुए मौर्य ने अखिलेश की दुखती रग पर हाथ रख दिया। मौर्य ने कहा, ‘आपका अभी कोई भविष्‍य नहीं है लेकिन सड़क किसने बनाई है, मेट्रो किसने बनाया है, एक्‍सप्रेसवे किसने बनाया है… जैसे लगता है आपने सैफई की जमीन बेचकर यह सब बनवा दिया है।’

फिर क्‍या था अखिलेश यादव डिप्‍टी सीएम पर बरस पड़े। सीट से खड़े हुए और गुस्‍से में कहा, ‘तुम अपने… तुम अपने घर के… तुम अपने पिताजी से पैसा लाते हो बनाने के लिए। तुमने राशन बांटा तो पिताजी दिए? बप्‍प… बप्‍प..।’

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ बिल्‍कुल शांत रहे। हालांकि, अखिलेश के तू-तड़ाक करने के बाद वह उठ खड़े हुए। उन्‍होंने बड़ी संयमित और नपी-तुली भाषा में केशव प्रसाद मौर्य का बचाव किया। एक लीडर की तरह यह भी समझाया कि सदन में माननीयों की भाषा कैसी होनी चाहिए। योगी बोले, ‘एक घंटे से अधिक हमने नेता प्रतिपक्ष को सुना। हमने उनकी बात सुनी। इस सदन में सरकार के उपमुख्‍यमंत्री अपनी बात रख रहे हैं। बीच में रनिंग कॉमेंट्री का मतलब क्‍या है? और दूसरा, एक सम्‍मानित नेता के खिलाफ असभ्‍य शब्‍दों का प्रयोग हो, यह ठीक नहीं है।’ सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने यह भी कहा कि ‘सवाल सैफई का नहीं है। सरकार, सरकार होती है और हर सरकार को अपनी उपलब्धि को गिनाने का अधिकार है।’

केशव प्रसाद मौर्य और योगी आदित्‍यनाथ की तकरार की खबरें आती रही हैं। लेकिन, बुधवार को डिप्‍टी सीएम का बचाव कर योगी आदित्‍यनाथ ने बड़ी लकीर खींच दी। उन्‍होंने दिखाया कि एक लीडर में क्‍या गुण होने चाहिए। किसी भी मनमुटाव को न दिखाते हुए सीएम ने अपनी टीम के सदस्‍य का जमकर बचाव किया। साथ ही मैसेज दिया कि वह टीम प्‍लेयर हैं। अगर टीम की बागडोर उनके हाथों में है तो वो सबको साथ लेकर चलना भी जानते हैं।

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