अमरनाथ यात्रा से पहले आतंकी संगठन ने भेजा धमकी भरा पत्र, आरएसएस पर साधा निशाना
अमरनाथ यात्रा की 30 जून से शुरुआत हो रही है। लेकिन इससे पहले यात्रा को लेकर को लेकर आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने धमकी भरा पत्र जारी किया है। पत्र में आंतकी संगठन की ओर से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधा गया है। संगठन का कहना है कि वे यात्रा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन तीर्थयात्री तब तक सुरक्षित हैं जब तक कि वे कश्मीर मुद्दे में शामिल नहीं होंगे। यात्रा 30 जून से शुरू होकर 11 अगस्त को खत्म होगी। 43 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या पहले से अधिक बढ़ने की उम्मीद है। पुलिस ने द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) के दो आतंकवादियों को भारी मात्रा में हथियारों के साथ गिरफ्तार किया है।
कश्मीर मुद्दे में हस्तक्षेप ना करें तीर्थयात्री- TRF
पत्र में कहा गया है कि हम किसी धार्मिक मामले के खिलाफ नहीं है, लेकिन जब कश्मीर के खिलाफ इस तरह की धार्मिक संस्थाओं का इस्तेमाल किया जाता है तो इन मामलों को अपने हाथ में लेना हमारी चिंता का विषय बन जाता है। आतंकी संगठन की तरफ से तीर्थयात्रियों को कहा गया है कि वे तब तक ही सुरक्षित रहेंगे, जब तक वे कश्मीर मुद्दे में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। आतंकि संगठन का कहना है कि अगर अमरनाथ यात्रा का इस्तेमाल राजनीतिक और जनसांख्यिकीय लाभ के लिए किया जाता है तो वह सरकार की योजनाओं को सफल नहीं होने देंगे।
वर्षों से आतंकियों के निशाने पर रही है अमरनाथ यात्रा
अमरनाथ यात्रा वर्षों से आतंकियों के निशाने पर रही है। साल 2,000 में पहलगाम बेस कैंप में आतंकी हमले में 17 तीर्थयात्रियों सहित 25 लोग मारे गए थे। वहीं, जुलाई 2017 में यात्री बस पर हुए आतंकी हमले में सात तीर्थयात्री मारे गए थे। गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा को शांति और सुरक्षित तरह से पूरी कराने के लिए गृह मंत्रालय ने खास तैयारियां की हैं। अमरनाथ यात्रा के दो मार्गों पर अर्धसैनिक बलों के कम से कम 12, 000 जवानों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के हजारों कर्मियों को तैनात किए जाने की उम्मीद है। ड्रोन से भी निगरानी रखी जाएगी।