उत्तराखंड : आज खोले गए हेमकुंड साहिब ओर लक्ष्मण मंदिर के कपाट, श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में लगाई डुबकी
हेमकुंड साहिब व लक्ष्मण मंदिर के श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोल दिए गए हैं। हेमकुंड साहिब उच्च हिमालय में 15225 फिट पर सिखों का सबसे ऊंचा तीर्थ स्थल है। आज सुबह घांघरिया से पंचप्यारों के नेतृत्व में यात्रा हेमकुंड साहिब पहुंची। करीब नौ बजे पंच प्यारों के अगुआई में गुरुग्रंथ साहिब को सचखंड गृभगृह से दरबार साहिब में लाया गया।
सेना के बेंड के मधुर ध्वनि के बीच तीन हजार से अधिक सिख श्रदालुओं की संगत के बीच हेमकुंड साहिब के कपाट खोले गए। दरबार साहिब में गुरुग्रंथ साहिब का प्रकाशोत्सव के साथ ही हेमकुंड साहिब के दर्शन पूजा शुरू हो गई।
मुख्यग्रंथी मिलाप सिंह ने कहा कि हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में डुबकी लगाई। हेमकुंड साहिब के साथ ही लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी भ्यूंडार के ग्रामीणों ने श्रद्धालुओं की मौजूदगी में पूजा-अर्चना कर खोल दिए गए हैं।
यह है कपाटोद्घाटन के कार्यक्रम
– पंज प्यारों की अगुआई में आज सुबह छह बजे घांघरिया से हेमकुंड साहिब के लिए रवाना हुई संगत
– पंज प्यारों की अगुआई में सुबह 9:30 बजे कपाट खुलने के बाद दरबार साहिब में सुशोभित होंगे गुरु ग्रंथ साहिब
– सुबह दस बजे पाठ श्री सुखमणि साहिब और सुबह 10:30 बजे होंगे सबद-कीर्तन
– दोपहर 12:30 बजे होगी इस साल की पहली अरदास
– दोपहर एक बजे लिया जाएगा हुक्मनामा
दो साल बाद लौटी रौनक
दो वर्ष बाद अपने भव्य स्वरूप में शुरू हो रही हेमकुंड साहिब की यात्रा को लेकर भ्यूंडार घाटी में उल्लास का माहौल है। घाटी के ग्रामीण गोविंदघाट से लेकर हेमकुंड साहिब के बेस कैंप घांघरिया तक होटल-ढाबा, घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी समेत अन्य व्यावसायिक गतिविधि संचालित करते हैं। हालांकि, हेमकुंड साहिब पैदल मार्ग पर शीतकाल के दौरान क्षतिग्रस्त शौचालयों की अभी मरम्मत नहीं हो पाई है। इससे श्रद्धालुओं को परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।