लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पर केस दर्ज, काशी विश्वनाथ और संतों पर दिया था विवादित बयान
काशी विश्वनाथ मंदिर के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के मामले में लखनऊ विश्वविद्यालय के एक असोसिएट प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने प्रोफेसर पर कार्रवाई की मांग को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया था। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी प्रोफेसर से स्पष्टीकरण मांगा है और छात्रों की शिकायत का लिखित जवाब देने को कहा है।
रविकांत विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में असोसिएट प्रोफेसर हैं। हसनगंज पुलिस स्टेशन में एक छात्र अमन दुबे की शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की गई है। अमन दुबे भी एबीवीपी कार्यकर्ता है। छात्र के मुताबिक, प्रोफेसर ने कल एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने हिन्दू धर्म को चोट पहुंचाई है। उन्होंने हिंदू धर्म के पंडितों को रेपिस्ट बताया है। जानकारी के मुताबिक प्रोफेसर रविकांत ने एक टीवी डिबेट में अपना बयान दिया है।
कांत पर आईपीसी की धारा 153 ए, 504 और 505 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। दुबे ने कांत पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश की। उनके बयान से कैंपस में हिंदू छात्रों को चोट पहुंची है।
रविकांत ने भी स्थनीय पुलिस स्टेशन में एक दर्जन छात्रों के खिलाफ शिकायत की है। उनका कहना है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। उनका कहना है कि सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ प्रोपेगैंडा चलाया जा रहा है और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है।
ABVP कार्यकर्ताओं का कहना है कि एक निजी चैनल पर बहस के दौरान रविकांत ने काशी विश्वनाथ को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। वहीं रविकांत ने भी शिकायत में कहा है कि एबीवीपी के लोग उन्हें धमका रहे हैं। सोशल मीडिया पर एबीवीपी छात्रों के प्रदर्शन के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। इसको लेकर भी काफी आलोचना की जा रही है।