बड़कोट वन रेंज के रानीपोखरी घमंडपुर रोड में एक मकान के बाथरूम में गुलदार घुस आने से हडकंप मच गया। मकान मालिक ने गुलदार को बाथरूम में ही बंद कर दिया। जिसके बाद पहुंची वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर गुलदार को सुरक्षित जंगल छोड़ में दिया। घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है।
शनिवार की सुबह रानीपोखरी घमंडपुर रोड लिस्ट्रापुर क्षेत्र में मंसाराम कुकरेती का मकान है। सुबह छह बजे के आपपास जब वह और उनका बेटा बॉथरूम की ओर आए तो गुलदार देखकर सन्न रह गए। उन्होंने समझदारी दिखाते हुए तत्काल बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया।
ग्राम प्रधान सुधीर रतूड़ी को सूचना दी। घर में गुलदार घुस आने की सूचना मिलते ही हडकंप मच गया। बड़कोट वन रेंज वनकर्मियों की टीम मौके पर पहुंच गई और बाथरूम में बंद गुलदार को सुरक्षित पिंजरे में लाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए। वन विभाग की टीम ने आने जाने वाले स्थानों को बंद कर पिंजरा बाथरूम के सामने लगा दिया।
गनीमत रही है कि गुलदार हमलावर नहीं हुआ। वेटिलेंशन वाले रास्ते से पानी की बौछार मारने से गुलदार सुरक्षित पिंजरे में आ गया। पूरे घटनाक्रम में कोई हताहत नहीं हुआ है। मकान में गुलदार घुसने की सूचना से लोग काफी संख्या में एकत्रित हो गए थे।
बड़कोट वन क्षेत्राधिकारी धीरज रावत ने बताया कि गर्मियों के दिनों में खाने पीने और पानी की तलाश में वन्य जीव आबादी की ओर आ जाते हैं। बताया कि सवा साल का गुलदार सुरक्षित पकड़ लिया गया। उन्होंने बताया कि परिवार के लोगों ने समझदारी दिखाई। जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ।
ग्रीष्म काल में आरक्षित वन क्षेत्रों में वन्य जीवों के समक्ष पानी का संकट आ जाता है। कई स्रोत स्वयं सूख जाते है। ऐसे में वन्य जीव आबादी की ओर रूख करने लगते हैं। वन सीमाओं के गांवों में अक्सर गुलदार, जंगली हाथी, सुअर और नीलगाय देखे जाते है। इनकी आमद गर्मियों में अधिक होती है।
कई वन्य जीव खाने की तलाश में आ जाते है। बड़कोट रेंजर धीरज रावत ने बताया कि विभागीय स्तर पर आरक्षित वन क्षेत्रों में वन्य जीवों के लिए पीने के पानी के लिए वाटरहोल बनाए गए हैं। जिनको समय समय पर भरा भी जाता है। लोगों से अनुरोध किया जाता है कि वन्य जीव दिखाई देने पर तत्काल वन विभाग को सूचना दें।