अब जेल में गीता पढ़कर अपने पापों का प्रायश्चित करेंगे आजम खान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान इस समय अपनी करनी की सजा यूपी की सीतापुर जेल में भोग रहे हैं। भारत माता को डायन कहने वाले और महिलाओं के अंडरवियर का कलर बताने वाले आजम खान ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि योगी राज में वो जेल में एक ग्लास पानी तक के लिए तरस जाएंगे। अखिलेश सरकार में आजम खान ने जो पाप किये थे उसकी लिस्ट बहुत लम्बी है। अगर गिनाने बैठ जाएंगे तो शायद शब्द कम पड़ जाएं। अखिलेश सरकार में अधिकारियों को जूते की नोक पर रखने वाले आजम के खिलाफ किसी की भी बोलने की हिम्मत नहीं थी। सच्चाई यह है कि सत्ता में रहते अखिलेश यादव अपने इस बड़बोले मंत्री के बारे में किसी से कुछ सुनते ही नहीं थे। क्योंकि उन्हें लगता था कि आजम खान सपा को मुस्लिम वोट दिलाने वाली ‘मशीन’ हैं। लेकिन अब वक्त का पासा पलटा है और सरकार योगी की है और उनसे एक एक पाई का हिसाब लिया जा रहा है। लाख जतन के बाद भी वो जेल से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
वहीँ कुछ लोग ऐसे भीं जो सीएम योगी से ख़ास खुन्नस रखते हैं। ऐसे लोगों का आजम से मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। इसी कड़ी में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने जेल में आजम खान से मुलाकात की है। मुलाक़ात के दौरान उन्होंने आजम खान को गीता भी भेंट की है। शायद आचार्य प्रमोद कृष्णम भी जानते हैं कि आजम खान के लिए अब गीता ही सहारा है। जो पाप उन्होंने किए हैं शायद गीता पढ़ने से वो पाप धुल जाएं। वैसे भगवत गीता कर्म का ज्ञान देती है। पर आज़म खां के पूर्व कर्म इतने ख़राब थे की वो लम्बे वक़्त से जेल की हवा खा रहे हैं। उनके पापों का घड़ा इस कदर भर गया है कि अब उन्हें प्राश्चित करने के लिए गीता का सहारा लेना पड़ रहा है। आज़म खां पर योगी बाबा का शिकंजा ऐसा कसा की उनकी रातों की नींद और दिन का चैन उड़ गया है।
बहरहाल, आजम जैसे बड़े नेता का शिखर से शून्य तक जाने का हश्र प्रत्येक पार्टी के छोटे−बड़े नेता−कार्यकर्ता के लिए एक सबक हैं। ज्ञातव्य हो कि समाजवादी सरकार के समय में आजम की आक्रामकता और कार्यशैली ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। जब मुलायम मुख्यमंत्री थे तब और उसके बाद अखिलेश के सीएम बनने पर भी आजम के रूतबे में कभी कोई कमी नहीं आई। यह जगजाहिर है। सत्ता में रहते आजम ने जौहर विश्वविद्यालय की स्थापना और तमाम अन्य मामलों में हर नियम−नैतिकता को ताख पर रखकर मनमाने फैसले लिए थे। जब तक समाजवादी पार्टी का शासन रहा, वह मर्जी के मुताबिक कार्य करते रहे, पर सत्ता बदलते ही उनके लिए समय भी बदल गया। उनसे पीड़ित लोग सहायता की गुहार लेकर शासन−प्रशासन के पास पहुंचने लगे और उन पर कानून का शिकंजा कसता चला गया। बता दें कि आजम खां को पत्नी तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला के साथ 27 फरवरी 2020 को सीतापुर जेल में शिफ्ट किया गया था। आजम जिला जेल में दो वर्ष से अधिक समय हो गया है।