प्रदेश
राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रही झुग्गी में पली डिप्टी मेयर, जानिए दमयंती मांझी की सफलता की कहानी
देश की बेटियां अपने बुलंद हौसलों से अपने सपने पूरे करने के लिए तत्पर हैं। भारत की महिलाएं काफी मेहनती और होनहार हैं। वह देश संभाल रहीं, राष्ट्र निर्माण में मदद कर रहीं और अपना भविष्य भी संवार रही हैं। जिस देश में कभी लड़कियां घूंघट से नहीं निकल पाती थी, वहां कि बेटियां आज अपनी शिक्षा पूरी करने के साथ ही परिवार को संभालने और अपने पैरों पर खड़े होने के लिए मेहनत कर रही हैं। इन बेटियों में एक नाम है दमयंती मांझी का। उड़ीसा की रहने वाली दमयंती वर्तमान में डिप्टी मेयर हैं। वह अभी मात्र 24 साल की हैं और पढ़ाई भी कर रही हैं। पहली बार नगर निगम के चुनाव के जरिए राजनीतिक मैदान में उतरी और जीत के बाद एक आदिवासी लड़की राष्ट्र निर्माण की दिशा में अपना योगदान दे रही है।
कौन हैं दमयंती मांझी?
दमयंती मांझी उड़ीसा की रहने वाली हैं। वह संथाल आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। दमयंती उड़ीसा के जगतपुर बलीसाही झुग्गी में रहती हैं। उन्होंने रावेनशॉ विश्वविद्यालय से एम.काॅम कर रही हैं। वर्तमान में दमयंती डिप्टी मेयर के पद पर कार्यरत हैं।
दमयंती मांझी उड़ीसा की रहने वाली हैं। वह संथाल आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। दमयंती उड़ीसा के जगतपुर बलीसाही झुग्गी में रहती हैं। उन्होंने रावेनशॉ विश्वविद्यालय से एम.काॅम कर रही हैं। वर्तमान में दमयंती डिप्टी मेयर के पद पर कार्यरत हैं।
दमयंती का जीवन संघर्ष
दमयंती के पिता नहीं हैं। पांच साल पहले ही उनका निधन हो गया था। पिता के निधन के बाद दमयंती और उनकी मां पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई। दमयंती और उनकी मां ने मेहनत करके परिवार का पालन पोषण किया। दमयंती ने परिवार का पोषण और अपनी पढ़ाई दोनों को एक साथ जारी रखा। वह झुग्गी के बच्चों को ट्यूशन दिया करती थीं।
डिप्टी मेयर दमयंती का राजनीतिक जीवन