हनुमान जयंती 2022ः उत्तराखंड में हैं बजरंगबली के यह पांच प्रसिद्ध धाम, हनुमान जन्मोत्सव पर दर्शन कर पाएं पुण्य
बजरंगबली भक्तों के सारे कष्ट दूर कर देते हैं। मान्यता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्तों को किसी भी तरह का रोग नहीं सताता। इस बार हनुमान जयंती 16 अप्रैल के दिन पड़ रही है। उत्तराखंड में हनुमान जी के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। जहां आए दिन बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। हनुमान जन्मोत्सव पर 16 अप्रैल रविवार को खास संयोग बन रहा है। हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर आज हम आपको देवभूमि में स्थित पांच प्रसिद्ध हनुमान मंदिरों के बारे में बताएंगे।
कैंची धाम, नैनीताल :
इन मंदिरों में सबसे प्रमुख नाम बाबा नीम करौली कैंची धाम का है। यह मंदिर नैनीताल जिले में रानीखेत भवाली हाइवे पर मौजूद है। जहां हर वर्ग और धर्म के श्रद्धालु पहुंचते हैं। यह हर वर्ष 15 जून को मेला लगता है। बाबा नीम करौली को हनुमान का रूप माना जाता है। जहां दूरदराज से पहुंचे अनुयायी हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। इतना ही नहीं कई किमी तक लंबी लाइन लग जाती हैं।
कैंची धाम मेले की शुरुआत वर्ष 1964-65 के आसपास हुई थी। संत नीम करौली महाराज ने यहां मंदिर स्थापित कर मेले की परंपरा शुरू की थी। कहते हैं कि यहां पहुंचकर सच्चे मन से माथा टेकने वालों की बिगड़ी बन जाती है। बाबा के भक्तों में एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जाब्स, फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग, हालीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स तक का नाम शामिल है।
हनुमान गढ़ी, नैनीताल :
नैनीताल में हनुमान गढ़ी स्थित है। इस मंदिर का निर्माण बाबा नीब करौली महाराज ने 1950 में करवाया था। मान्यता है कि हनुमान जी के इस मंदिर में आने वाले हर श्रद्धालु की मनोकामना पूर्ण होती है। इस मंदिर से श्रद्धालुओं की अपार आस्था जुड़ी है। यहां से नैनीताल की वादियों का सुंदर नजारा देखा जा सकता है। मंदिर में भगवान राम और माता सीता व श्रीकृष्ण की अष्टधातु से बनीं मूर्तियां हैं।
हनुमान मंदिर, औली:
चमोली जिले के पर्यटन स्थल औली में हनुमान जी का मंदिर है। मान्यता है कि जब लक्ष्मण मेघनाद से युद्ध करते हुए मूर्छित हो गए थे तो सुषेण वैद्य के कहने पर हनुमान संजीवनी बूटी लेने उत्तराखंड आए थे। उस समय उन्होंने औली में कुछ समय विश्राम किया था।
हनुमान चट्टी, बदरीनाथ :
यह मंदिर बदरीनाथ मंदिर से करीब 12 किमी दूर स्थित है। मान्यता है कि यहां महाभारत काल में हनुमान जी ने भीम का घमंड तोड़ा था। जहां भीम और हनुमान जी की भेंट हुई थी, वह जगह हनुमान चट्टी ही है। मंदिर के साथ ही यह स्थान ट्रैकिंग के लिए भी यह मुफीद है।
सिद्धबली मंदिर कोटद्वार :
प्रसिद्ध श्री सिद्धबली मंदिर में दर्शन के लिए हर दिन श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। यह मंदिर कोटद्वार में स्थित है। यहां उत्तराखंड के साथ ही विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु यहां आकर मन्नत मांगते हैं। मनोकामनाएं पूर्ण होने के बाद श्रद्धालु मंदिर में भंडारे का भी आयोजन करते हैं। गौरतलब है कि यहां होने वाले भंडारे के लिए सालों पहले बुकिंग करनी पड़ती है।