उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता लागू करने की जिम्मेदारी गृह विभाग को सौंपी
उत्तराखंड में यूनिफार्म सिविल कोड, यानी समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए प्रदेश सरकार ने कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए गृह विभाग को नोडल विभाग के रूप में नामित कर दिया है। गृह विभाग इसके लिए समिति गठित करने के साथ ही समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करेगा।
पहली कैबिनेट बैठक में समिति बनाने का निर्णय लिया
पुष्कर सिंह धामी ने लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र (दृष्टि पत्र) के अनुसार समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कही थी।
सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में इसके लिए समिति बनाने का निर्णय लिया। कहा गया कि समिति में विधि एवं कानून के साथ ही अन्य क्षेत्रों से संबंधित विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा।
न्याय विभाग होगा इसका नोडल विभाग
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया था कि न्याय विभाग इसका नोडल विभाग होगा और वह इसका ड्राफ्ट तैयार करेगा। अब प्रदेश सरकार ने इसमें थोड़ा बदलाव करते हुए यह जिम्मा गृह विभाग को सौंप दिया है।
अब गृह विभाग इसके लिए समिति का गठन करेगा। माना जा रहा है कि जल्द ही गृह विभाग न्यायिक सेवा, पूर्व नौकरशाहों समेत विषय विशेषज्ञों के नाम मुख्यमंत्री को भेजेगा।
मुख्यमंत्री की अनुमति के बाद समिति का विधिवत गठन कर दिया जाएगा। इसके बाद यह समिति समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करेगी। इसके लिए गोवा में चल रही व्यवस्था का अध्ययन भी किया जाएगा। प्रमुख सचिव गृह आरके सुधांशु ने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार समिति का गठन कर दिया जाएगा।
गुरुवार को देहरादून व रुद्रप्रयाग में आयोजित कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर समान नागरिक संहिता को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही समिति का गठन कर दिया जाएगा।