राष्ट्रीयस्वास्थ्य

कोरोना की चौथी लहर शुरू, भारत पहुंचा नया वैरिएंट, क्यों ज़रूरी है बूस्टर डोज़ ?

कोरोना के बढ़ते खतरे

दुनिया भर में कोरोना की चौथी लहर किसी भी समय विस्फोट के लिए तैयार बैठी है। दुनिया भले ही चौथी लहर से ना जूझ रही हो लेकिन चीन में कोरोना एक बार फिर से दस्तक दे चुका है। चीन में तो कोरोना के ओमीक्रॉन वैरिएंट ने तबाही मचाई हुई है लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि अब भारत में भी कोरोना के चौथे वैरिएंट ने दस्तक दे दी है। कोरोना के बढ़ते हुए केसेस और नए वैरिएंट को देखते हुए लोगों के मन एक बार फिर डर सताने लगा है।

भारत पहुंचा वैरिएंट

कोरोना के नया वैरिएंट XE गुजरात में पाया गया है। वहां पर इस नए वैरिएंट के पहले मामले की पुष्टि हो गई है। इससे पहले मायानगरी मुंबई में भी इस वैरिएंट का एक मामला मिला था। इस वायरस को काफी संक्रामक माना जा रहा है, ऐसे में सरकार भी पूरी सावधानी बरत रही है। गुजरात में जिस मामले की पुष्टि हुई है उसको लेकर बताया गया है कि 13 मार्च को शख्स कोविड पॉजिटिव निकला था। लेकिन एक हफ्ते बाद उसकी स्थिति ठीक थी। लेकिन जब सैंपल के नतीजे आए तो उसमें वो शख्स XE वैरिएंट से संक्रमित निकला। अब चिंता की बात ये है कि कोरोना का ये नया वैरिएंट सबसे ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है। BA.2 वाला जो वैरिएंट है, उसकी तुलना में XE वैरिएंट 10 फीसदी ज्यादा संक्रामक है।

चीन और अमेरिका में बढ़ते कोविड के मामलों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने पांच राज्यों के लिए चेतावनी जारी की है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने दिल्ली, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र और मिजोरम की सरकारों को चिट्ठी लिखी है। इसमें स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों से सतर्कता बढ़ाने और संक्रमण की दर बढ़ने के कारणों की गंभीरता से जांच करने को कहा है।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि इन राज्यों में डेली पॉजीटिविटी रेट बढ़ रहा है, यानी हर दिन मिलने वाले नए कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसको देखते हुए राज्य सरकारें हालात की गंभीरता से समीक्षा करें और जरूरी होने पर कोविड-19 को लेकर नई गाइडलाइन भी जारी करें।

एक ओर देश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही है, लेकिन दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, केरल और मिजोरम में पिछले सात दिन में पॉजिटिविटी रेट अचानक बढ़ गई है। इसे लेकर ही केंद्र सरकार ने केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा और मिजोरम को अलर्ट भेजा है।

वहीं कोरोना के नए वैरिएंट्स के खतरे के बीच सरकार ने ऐलान किया है कि 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को 10 अप्रैल से कोरोना वैक्सीन का तीसरा डोज यानी बूस्टर डोज़ लगाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे प्रिकॉशन डोज नाम दिया है। हेल्थ वर्कर्स ओर 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को यह मुफ्त लगाया जाएगा, जबकि बाकी वयस्कों को भुगतान करना होगा। यह प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर्स पर लगाया जाएगा। यह डोज सिर्फ उन्हीं लोगों को लगाया जाएगा जिनकी उम्र 18 साल से अधिक है और जिन्होंने दूसरा डोज 9 महीने या उससे पहले लगवाया था।

प्रिकॉशन डोज कोरोना वैक्सीन का ही तीसरा डोज है। इस डोज की आवश्यकता दुनियाभर में कोविड-19 के नए वैरिएंट के आने के बाद महसूस की गई। भारत में इस साल 10 जनवरी को फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर बीमारियों से ग्रसित 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर डोज देना शुरू किया था। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कोविड-19 वैक्सीनेशन का आंकड़ा 185.53 करोड़ के पार पहुंच चुका है। शुक्रवार की शाम 7 बजे तक वैक्सीन के 12 लाख से ज्यादा डोज लगाए गए। वहीं, 12 से 14 उम्र के बच्चों को वैक्सीन के 2.16 करोड़ से ज्यादा डोज लगाए जा चुके हैं।

क्यों ज़रूरी है बूस्टर डोज़ ?

कोरोना वायरस के अब तक Delta, Delta Plus, Omicrone, Deltacron, XE Kappka वैरिएंट आ चुके हैं. इनसे निपटने के लिए सरकार की ओर से वैक्सीन की एक समय अंतराल के बाद दो खुराकें लोगों को लगाई जा रही हैं. ICMR के डीजी डॉ. बलराम भार्गव के मुताबिक, वायरस का एक वैरिएंट दूसरे वैरिएंट के खिलाफ प्रोटेक्शन नहीं देता है, इसलिए तीसरी लहर में रि-इन्फेक्शन के मामले देखे गए. मतलब समय के हिसाब से लोगों की रोग प्रतिरोध क्षमता कम होने लगती है, इसलिए तीसरी खुराक इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए जरूरी हो जाती है. वैक्सीनेशन ने गंभीर बीमारी, अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों और मौतों की संख्या को कम किया है.

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन कोविशील्ड के एक बूस्टर डोज की कीमत 600+ टैक्स होगी। वहीं, Covaxin की कीमत 1,200 रुपये प्रति खुराक रखी गई है। इसमें टैक्स अलग से शामिल है। पात्र लोग अब किसी अस्पताल और क्लीनिक या वैक्सीनेशन सेंटर पर कोविशील्ड की दोनों खुराक खरीदकर लगवा सकते हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अब तक, देश में 15 साल की उम्र से ज्यादा की आबादी में से लगभग 96 फीसदी को कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिल चुकी है, जबकि इसी उम्र की आबादी में से लगभग 83 फीसदी को दोनों खुराकें मिल चुकी हैं. इसके अलावा 2.4 करोड़ से अधिक हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 की उम्र से ज्यादा के लोगों को एहतियाती खुराक भी दी जा चुकी है. 12 से 14 साल उम्र वर्ग के 45 प्रतिशत लोगों को भी पहली डोज दी जा चुकी है.

शंघाई में कोरोना और कर्फ्यू

बात करें चीन की तो चीन कोरोना वायरस की नई लहर से जूझ रहा है। सबसे बुरी स्थिति देश के सबसे बड़े शहर शंघाई की है। ‘जीरो-कोविड पॉलिसी’ के तहत लगाए गए सख्त लॉकडाउन के चलते लोग मीट और चावल जैसी खाने-पीने की चीजों के अभाव से जूझ रहे हैं। देश के बड़े-बड़े कॉन्फ्रेंस सेंटर्स को आइसोलेशन सेंटर में बदला जा रहा है। निवासियों को अपने घरों में कैद कर दिया गया है। किराने की खरीदारी जैसे आवश्यक कारणों से भी बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। चीन के सबसे बड़े शहर में गुरुवार को लगभग 20,000 मामले दर्ज किए गए, जो एक और रिकॉर्ड है। प्रशासन ने कोरोना लॉकडाउन घोषित किया है, जिसके बाद 2 करोड़ 60 लाख की आबादी घरों में कैद हो गई। यह लगातार छठा दिन है जब शंघाई में कोरोना वायरस संक्रमण के 20 हजार नये मामले सामने आए हैं, इसके परिणामस्वरूप यह शहर चीन में संक्रमण का एक केंद्र बनता जा रहा है। शंघाई में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, जिसके मद्देनजर बड़ी संख्या में जांच की जा रही है।

 

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