यमुना जयंती 2022: इस दिन खोले जायेंगे यमुनोत्री धाम के कपाट, देखें तिथि व मुहूर्त
चैत्र नवरात्र में छठवें दिन यमुना छठ का पर्व मनाया जाता है। उत्तराखंड के यमुनोत्री धाम से निकली यमुना प्रयाग राज में संगम में जाकर मिलती हैं। यमुना का उत्पत्ति स्थान हिमालय के हिमाच्छादित श्रंग बन्दरपुच्छ उत्तर पश्चिम में स्थित कालिंदी पर्वत है। जिसके नाम से यमुना को कालिंदी कहा जाता है।
आज यमुना जयंती के पावन पर्व पर यमुनोत्री धाम के कपाट खोलने की विधिवत घोषणा कर दी गयी है। तीन मई अक्षय तृतीया के पावन पर्व सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर मां यमुना की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास खुसीमठ से यमुनोत्री धाम को प्रस्थान करेगी एवं दोपहर 12 बजकर 15 मिनट अभिजीत मुहूर्त अमृत योग पर मां यमुना जी के कपाट खोल दिए जाएंगे।
उत्तरकाशी में स्थित गंगोत्री धाम के कपाट तीन मई को अक्षय तृतीय के पर्व पर खुलेंगे। बता दें कि चैत्र नवरात्र पर गंगोत्री के तीर्थ पुरोहितों ने गंगोत्री धाम के कपाट खोले जाने के शुभ मुहूर्त निकाला। गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीय पर्व के अभिजीत मुहूर्त पर सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर खोले जाएंगे।
अक्षय तृतीया पर खुलते हैं यमुनौत्री मंदिर के कपाट
उत्तराखंड को देवताओं की भूमि कहा जाता है। यहां कई प्राचीन मंदिर है, जिनके प्रति हिंदुओं में गहरी आस्था है। इनमें बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगौत्री भी यमुनौत्री भी है। इन्हें उत्तराखंड के 4 धाम भी कहा जाता है। यमुना नदी के स्रोत यमुनौत्री का हिमालय में एक प्राचीन मंदिर है, जो बंदर पुंछ पर्वत की एक झुंड के ऊपर स्थित है। मान्यताओं के अनुसार, महाराजा प्रतापशाह ने 1919 में देवी यमुना का ये मंदिर बनवाया था। इसके बाद कई बार इसका जीर्णोद्धार किया जा चुका है। हर साल अक्षय तृतीय पर यमुनौत्री धाम के कपाट खुलते हैं और शीत ऋतु आते ही बंद कर दिए जाते हैं।