जम्मू कश्मीर में आतंकी बिट्टा कराटे को लेकर आज श्रीनगर कोर्ट में सुनवाई होगी। गौरतलब है कि श्रीनगर की एक कोर्ट में बिट्टा कराटे के खिलाफ दर्ज केसों को दोबारा खोलने की एक याचिका दायर की गई थी।
बिट्टा कराटे पर पूरे 31 साल बाद ये सुनवाई की जा रही है। बिट्टा के खिलाफ सतीश टिक्कू के परिवार ने ये हिम्मत दिखाई है और एक्टिविस्ट विकास राणा के जरिए श्रीनगर कोर्ट में याचिका दायर की है। बता दें कि 22 साल के कश्मीरी पंडित सतीश टिक्कू की बिट्टा ने हत्या कर दी थी। टिक्कू परिवार की तरफ से वकील उत्सव बैंस उनका पक्ष रखेंगे।
बता दें कि बिट्टा कराटे को कश्मीर में निर्दोषों की हत्या और आतंकी घटनाओं में शामिल होने की वजह से जेल हुई थी। एक इंटरव्यू के दौरान उसने खुद इस बात को कबूला था कि उसने 20 कश्मीरी पंडितों की हत्या की। ये इंटरव्यू उसने साल 1991 में दिया था, जिसमें उसे ये कहते हुए सुना जा सकता है कि अगर उसे अपने मां और भाई का खून करने के लिए कहा जाता तो वह ऐसा भी कर देता।
बिट्टा 16 साल जेल में रहा और 23 अक्टूबर 2006 को टाडा अदालत से जमानत पर रिहा हो गया। बिट्टा मार्शल आर्ट्स में ट्रेन्ड है, इसलिए उसके नाम के आगे कराटे लग गया। साल 2008 के अमरनाथ विवाद के दौरान भी उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। उसकी गिरफ्तारी सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत भी हो चुकी है।
हाल ही में जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इस बात के संकेत दिए थे कि यासीन मलिक और बिट्टा कराटे के खिलाफ दर्ज केसों को खोला जाएगा। अब आज जब श्रीनगर कोर्ट में बिट्टा मामले में सुनवाई है तो ये साफ है कि कश्मीर में कोई आतंकी बख्शा नहीं जाएगा।