
पहाड़ की सभी चीज़ें अनोखी हैं चाहे वो भोजन हो, पानी हो या पर्यावरण। यहाँ के पशुओं की प्रजातियां भी भिन्न-भिन्न हैं। पहाड़ी पशुओं में सबसे लोकप्रिय पशु है “भोटिया कुत्ता”। ये नाम जुबां पर आते ही शायद दुनिया की बाकी नस्लों के कुत्ते फीके नजर आते हैं। इनकी गिनती सबसे बुद्धिमान और ताकतवर नस्ल में होती है, जिनकी विशुद्ध प्रजाति उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाती है,पर इनकी मिलीजुली प्रजाति निचले हिमालयी क्षेत्रों में भी देखी गई है।
यह नाम सुनते ही हर कोई अपने मन में एक भारी-भरकम, बड़े जबड़े वाला, आक्रमक, भीमकाय शरीर वाले कुत्ते चित्रण कर लेता है। भोटिया कुत्ता अपनी वफादारी के लिए पहाड़ों में काफी प्रचलित है। उसका भीमकाय शरीर देख कर पहाड़ों के जंगली जानवर जैसे बाघ, तेंदुए, गुलदार आदि एक बार को पीछे हट जाते हैं।
भोटिया कुत्ता अधिकतर काले रंग के होते हैं। भारी जबड़ा,सुडोल बदन और शांत स्वभाव इनकी खास पहचान है। आम कुत्तों की तरह अनायास ही भौंका नहीं करते बल्कि बड़ी सजगता से पहरेदारी करते हैं। वफादार के साथ इनके बुद्धिमान और बलवान होनी की खूबी इनको और भी खास बनाती है। ताकत की बात करें तो ये अकेले बाघ से भिड़ सकते हैं,तेंदुए और गुलदार तो इसके सामने टिक नहीं पाते। एक अकेला तंदुरुस्त भोटिया कुत्ता तेंदुए को लोहे के चने चबवा सकता है, लेकिन तेंदुआ तो शिकारी है मौका मिलते ही गर्दन दबोच लेता है इसीलिए कुत्ते की गर्दन को कवच देकर सुरक्षित किया होता है। फिर भी खूंखार कुत्तों को देखकर तो बाघ की हालत खराब हो ही जाती है।
घुम्मतू भोटिया लोगों के अलावा इस प्रजाति के कुत्तों को अब आम लोग भी घर की रखवाली के लिये पालने लगे हैं। फेडरेशन ऑफ साइनोलोजिक इंटरनेशनल के अनुसार लगभग 540 नस्लों के कुत्ते पूरे विश्व में हैं। इतनी सारी नस्ल के कुत्तों के बीच भोटिया नस्ल का कुत्ता बेहद खास होता है। जितना शांत, उतना ही खतरनाक बच्चों से प्यार करने वाला और परिवार के दुश्मनों पर पैनी निगाह रखने वाला कहा जाता है।