उत्तराखंड की सियासत में हुई कैलाश विजयवर्गीय की एंट्री, ‘प्लान B’ तैयार करने में जुटी भाजपा
उत्तराखंड में 10 मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं। लेकिन इससे पहले राजधानी देहरादून में सियासी पारा चढ़ने लगा है। भाजपा के सीनियर नेताओं और प्रत्याशियों की बैठक से पहले ही रविवार को देहरादून में भाजपा खेमे से कई तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल होती रही। इनमें सबसे ज्यादा नजर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की मुलाकातों पर नजर बनी रही। कैलाश विजयवर्गीय के उत्तराखंड की सियासत में अचानक एंट्री से हड़कंप मचा हुआ है।
बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय को जोड़तोड़ की राजनीति का रणनीतिकार माना जाता है। 2016 में कांग्रेस में सेंधमारी के असल सूत्रधार विजयवर्गीय ही थे। जानकारी के मुताबिक, चुनाव मतगणना से पहले भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें खास मिशन को अंजाम देने के लिए भेजा है।
राष्ट्रीय महामंत्री ने सबसे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निंशक के निजी आवास पर जाकर उनसे मंत्रणा की है। शाम को सुभाष रोड स्थित एक होटल में उन्होंने प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ चुनाव नतीजे के बाद बनने वाली स्थिति को लेकर रणनीति पर विचार किया।
ए, बी और सी प्लान बनाया
मतगणना के बाद बनने वाली परिस्थितियों में पार्टी और शीर्ष नेताओं की क्या भूमिका होगी। इस पर चर्चा की गई। मिली जानकारी के मुताबिक, भाजपा ए, बी और सी प्लान प्लान बनाकर चलेगी। हालांकि भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री का कहना है कि ‘उत्तराखंड में बहुमत जुटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यहां भाजपा पूर्व बहुमत के साथ सत्ता में आ रही है।’
बहुमत नहीं मिला और सबसे बड़ा दल बना तो
प्लान बी के तहत पार्टी की दूसरी रणनीति बहुमत के आंकड़े से दूर लेकिन सबसे बड़े दल के रूप में सामने आने पर शीर्ष नेताओं की भूमिका अहम हो जाएगी। सियासी हलकों में जिस तरह से चर्चा गर्म है कि कुछ निर्दलीय चुनाव जीत सकते हैं। उन्हें साधने की जिम्मेदारी भी अहम नेताओं को दी जा सकती है।
मुकाबला बराबरी का रहा तो
प्लान सी के तहत यदि भाजपा और कांग्रेस के बीच सीटों का बंटवारा बराबरी का हुआ या एक-दो सीटों का ही अंतर रहा तो ऐसी स्थिति में भाजपा की क्या रणनीति होगी। इस विषय पर भी दिग्गज नेताओं ने रणनीति बनाई है।