कर्नाटक हिजाब विवाद में कूदे पाकिस्तानी, मलाला यूसुफजई ने कही ये बात
कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने को लेकर छिड़े विवाद की गूंज अब पाकिस्तान में भी सुनाई देने लगी है। इस मुद्दे के बहाने पाकिस्तानियों को भारत के खिलाफ जहर उगलने का मौका मिल गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उस वीडियो पर पाकिस्तान की तरफ से लगातार प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, जिसमें कुछ लोग एक लड़की को घेरकर ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते दिख रहे हैं। वहीं, पाकिस्तानी कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई भी इस मामले में कूद गई हैं।
मलाला यूसुफजई ने कहा है कि ‘स्कूलों में लड़कियों को हिजाब पहनकर प्रवेश देने से रोकना भयावह है।’ बता दें कि कर्नाटक में कुछ लड़कियों ने आरोप लगाया कि हिजाब पहनने के चलते उन्हें कैंपस और क्लास में प्रवेश नहीं करने दिया गया। इस पर टिप्पणी करते हुए मलाला ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘हिजाब पहने हुई लड़कियों को स्कूलों में एंट्री देने से रोकना भयावह है। कम या ज्यादा कपड़े पहनने के लिए महिलाओं पर दबाव डाला जाता है। भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं को हाशिये पर जाने से रोकना चाहिए।’
वहीं, पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने वायरल हो रहे वीडियो को रीट्वीट करके लिखा, ‘मार्टिन लुथर किंग ने एक बार कहा था- नफरत को नफरत से खत्म नहीं किया जा सकता, नफरत को केवल प्यार से खत्म किया जा सकता है। इस दृश्य को देखिए..एक अकेली मुस्लिम लड़की को कट्टरपंथी हिंदुओं की एक बड़ी भीड़ परेशान कर रही है। अकेली लड़कियों को घेरकर नफरत को मत बढ़ाओ।’ इसी वीडियो पर मुजामिल नाम के एक यूजर ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को टैग करते हुए लिखा, ‘सर, देखिए, भारत में मुसलमानों के साथ क्या हुआ।’
बता दें कि पिछले महीने उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में कॉलेज प्रशासन के नियम के खिलाफ जाकर 6 छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज आईं थीं। इसके बाद कर्नाटक के दूसरे कॉलेजों में भी हिजाब पहनने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। हिजाब के विरोध में कुछ छात्र-छात्राएं भगवा शॉल लेकर स्कूल- कॉलेज आने लगे, जिसके कारण मामले ने तूल पकड़ लिया। मंगलवार को कर्नाटक के शिवमोगा और बागलकोट जिलों में हिजाब विवाद को लेकर पथराव की खबरें भी सामने आई थीं। इस बीच, बढ़ते विवाद को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी स्कूल-कॉलेजों में यूनिफॉर्म को अनिवार्य कर दी है। उधर, स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहना जा सकता है या नहीं, इस बात को लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय सुनवाई कर रहा है।