प्रदेश में आज गांव-गांव में स्वास्थ्य सेवाएं मौजूद, बेहतर कोविड मैनेजमेंट कर पेश किया नया उदाहरण
लखनऊ। पिछले दस सालों में उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को योगी सरकार ने महज पांच सालों में शून्य से शिखर तक पहुंचाने का काम किया है। साल 2007 से 2012 तक बसपा के कार्यकाल में जहां 5 हजार करोड़ रुपये का एनआरएचएम घोटाला हुआ तो वहीं सपा सरकार में साल 2015-16 में केवल 285229 परिवार ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) के तहत शामिल थे लेकिन साल 2017 के बाद योगी सरकार ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य (आयुष्मान योजना) से 6 करोड़ 47 लाख लोगों को बीमा कवर दिया है। अब तक 1.77 करोड़ गोल्ड कार्ड जारी किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में 42.19 लाख लोगों को बीमा कवर दिया जा चुका है।
उत्तर प्रदेश की स्वाथ्य सुविधाओं के लिए आजादी के अमृत महोत्सव संजीवनी बना। आजादी के बाद आबादी के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का इजाफा सबसे बड़ा मुद्दा हुआ करता था। लेकिन साल 2017 के बाद स्वास्थ्य सेवाओं को बूस्टर डोज देने का काम योगी सरकार ने किया। पहले जापानी इन्सेफलाइटिस के कारण हजारों मौतें होती थी। पहले इन बिमारियों से हजारों की संख्या में मृत्यु होती थी। एईएस के 2017 में 4724 मरीजों में से 655 की मृत्यु हुई व जेई के 693 में से 93 की मृत्यु हुई। साल 2017 के बाद उत्तम प्रबंधन के कारण साल 2021 में एईएस के कुल 1651 मरीज 58 मृत्यु तथा जेई के कुल मरीज 153 में 5 मृत्यु हुईं।
दस सालों में यूपी में नहीं था एक भी एम्स
प्रदेश में बसपा व सपा के कार्यकाल में साल 2007 से 2017 तक एक भी एम्स नहीं था। साल 2017 के बाद गोरखपुर एवं रायबरेली में एम्स की स्थापना की गई। इतना ही जहां 1947 से मार्च 2017 तक यूपी में मात्र 16 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। बीजेपी सरकार में 35 सरकारी मेडिकल कॉलेज हो गए तथा 16 मेडिकल कॉलेज पीपीपी के आधार पर बनाये जा रहे हैं। बता दें कि यूपी में 59 जनपदों में न्यूनतम कॉलेज 01 मेडिकल कॉलेज क्रियाशील हैं वहीं 16 जनपदों में पीपीपी मोड पर मेडिकल कालेज स्थापना की जा रही है। प्रदेश के पांच जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर मेडिकल कॉलेज बनाया गया। बदायूं व ग्रेटर नोएडा में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो गई है। यूपी के 09 नये मेडिकल कॉलेजों के निर्माण साथ इन कालेजों में सत्र 2021 2022 से एमबीबीएस की पढाई शुरू हो चुकी है। 14 अन्य जिलों में सत्र 2022 2023 से एमबीबीएस की पढाई प्रारम्भ करने की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है।
यूपी में 2000 एम्बुलेस संचालित
प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा में नए विश्वविद्यालय की स्थापना 2007 से 2017 तक नहीं की गई थी पर योगी सरकार के कार्यकाल में अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना और गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। एंबुलेंस सेवा में जहां 2007 से 2012 में 988 एंबुलेस संचालित थी वहीं 2012 से 2017 तक सपा में 1488 एंबुलेंस संचालित थी वहीं योगी सरकार के कार्यकाल में एम्बुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम को 15 मिनट करने के लिए 108 का विस्तार कर 2000 एम्बुलेस संचालित की गई।