मेट्रो आने से तेज गति से दौड़ेगा कानपुर, यूपी के विकास को लगेंगे पंख
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यूपी के औद्योगिक महानगर कानपुर को अब तक का सबसे बड़ा और नायाब तोहफा देने जा रहे हैं। 28 दिसम्बर को कानपुर आ रहे पीएम मोदी शहर के लोगों को सुलभ और स्मार्ट परिहवन की सुविधा देंगे। गंगा नदी के किनारे बसे महानगर में कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के पूर्ण खंड का प्रधानमंत्री मंगलवार को उद्घाटन करेंगे। 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार आईआईटी कानपुर से मोती झील तक 9 किलोमीटर लंबे खंड का निरीक्षण करने के साथ-साथ मेट्रो ट्रेन से सफर भी करेंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।
पीएम मोदी के शहरों को सुपरफास्ट परिवहन सेवा देने की सोच के अनुसार अब कानपुर महानगर भी तेज गति से दौड़ेगा। इससे यूपी के विकास को गति मिलेगी। शहर के लोगों को सुलभ, प्रदूषणमुक्त सफर की सुविधा मिलेगी। औद्योगिक गतिविधियों भी तेजी से बढ़ेंगी। शहरों में गतिशीलता में सुधार करने के साथ-साथ शहरी जनजीवन को और अधिक स्मार्ट बनाने पर हमेशा से फोकस करते चले आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास कानपुर शहर में लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाएंगे। कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के पूर्ण खंड का उद्घाटन इस दिशा में एक बड़ा कदम होगा। कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के आईआईटी कानपुर से मोती झील तक 9 किलोमीटर लंबे खंड का प्रधानमंत्री मोदी निरीक्षण करेंगे और आईआईटी मेट्रो स्टेशन से गीता नगर तक मेट्रो की सवारी करेंगे। कानपुर में मेट्रो रेल परियोजना की पूरी लंबाई 32 किलोमीटर है और इसे 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया जा रहा है।
1500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाये गये बीना-पनकी मल्टीप्रोडक्ट पाइपलाइन परियोजना का भी प्रधानमंत्री मोदी उद्घाटन करेंगे। 356 किलोमीटर लंबी इस परियोजना की क्षमता लगभग 3.45 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष है। मध्य प्रदेश की बीना रिफाइनरी से लेकर कानपुर के पनकी तक फैली इस परियोजना क्षेत्र में बीना रिफाइनरी से पेट्रोलियम उत्पादों को पहुंचाने में मदद करेगी।
पीएम मोदी के हाथों पहली बार आईआईटी कानपुर के छात्रों को मिलेंगी डिजिटल डिग्रियां
मंगलवार को कानपुर दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आईआईटी कानपुर के 54वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। इस दौरान वे सभी छात्रों को पहली बार राष्ट्रीय ब्लॉकचेन परियोजना के तहत संस्थान में विकसित की गई डिजिटल डिग्रियां प्रदान करेंगे। इन डिजिटल डिग्रियों की खासियत यह है कि यह विश्व स्तर पर सत्यापित की जा सकेंगी।