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खेतों को भरपूर पानी, बदली किसानों की जिंदगानी: डा. महेंद्र सिंह

लखनऊ। हम वादा नहीं करते, प्रण करते हैं, संकल्प करते हैं। और, उस संकल्प को सिद्ध करके दम भी नहीं लेते बल्कि अगले संकल्प को जनहित का नया प्रकल्प बना लेते हैं। बीते साढ़े चार सालों में दशकों से लंबित 18 सिंचाई परियोजनाओं की पूर्णता भाजपा सरकार के “संकल्प से सिद्धि” का प्रमाण है। इन परियोजनाओं से प्रदेश में 20 लाख हेक्टेयर अतिरिक्तकृषि भूमि को पानी मिलने से लाखों किसानों की जिंदगानी भी बदल रही है। किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में यह सिंचाई परियोजनाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही हैं।

यह कहना है कि प्रदेश सरकार के जल संसाधन मत्री डा. महेंद्र सिंह का। डा. सिंह ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों लोकार्पित सरयू नहर परियोजना समेत अन्य महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश के हर क्षेत्र के किसानों की खुशहाली के लिए दिनरात काम किया है। सरयू नहर परियोजना की चर्चा करते हुए जल संसाधन मंत्री ने कहा कि यह परियोजना 1971-72 में परिकल्पित की गई। 1978 में इस पर कार्य प्रारंभ हुआ। पहले यह दो जिलों की परियोजना थी, 1982 में इसे 9 जिलों तक बढ़ाया गया। उन्होंने बताया कि 1978 से 2017 तक इस परियोजना पर कुल 5,189 करोड़ रुपए व्यय किए गए, वहीं 2017 से अब तक कुल 4,613 करोड़ रुपए का व्यय योगी सरकार द्वारा किया गया।

इस परियोजना से 14.5 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन सिंचित की जा सकती है जिससे तकरीबन 30 लाख किसानों को सीधा लाभ होगा। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के अंतर्गत कुल 23,228 पक्के कार्य हुए हैं। इनमें से वर्ष1978 से 2017 तक 10,365 कार्य ही कराए गए थे जबकि 2017-2021 तक 12,863 पक्के कार्य कराए गए। इस परियोजना में शामिल बड़ी-छोटी 992 नहरों की कुल लंबाई 6,623 किलोमीटर है। इसमें से 1978-2017 तक 2000 किमी की लंबाई में 290 नहरों पर ही काम पूरा हुआ था जबकि 2017-2021 तक 702 नहरों का कार्य पूर्ण किया गया जिनकी कुल लंबाई 4,623 किमी है। चार दशक में कितना काम हुआ और साढ़े चार साल में इस परियोजना पर कितना काम हुआ, फर्क इन आंकड़ों से साफ हो जाता है।

अर्जुन सहायक परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए डा. महेंद्र सिंह ने कहा कि 2008-2009 में प्रारंभ इस परियोजना के तहत 2017 तक कुल 737 हेक्टेयर जमीन नहर खोदने के लिए ली गई जबकि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद 1673 हेक्टेयर। 2009 से 2012 तक 41 किमी तथा 2012-2017 तक 14 किमी ही नहर बन सकी जबकि 2017-2021 तक 189 किमी नहर बनाई गई। इस परियोजना में 2009 से 2012 तक 11 और 2012-2017 के बीच 10 पक्के कार्य ही कराए गए थे। 2017-2021 तक रिकार्ड 163 पक्के कार्य कराकर परियोजना को पूर्ण किया गया।

कुल 2,655 करोड़ रुपये के बजट वाली इस परियोजना पर 2009 से 2012 तक 337 करोड़ तथा 2012-2017 तक 553 करोड़ ही व्यय हुए थे जबकि वर्तमान प्रदेश सरकार ने 2017-2021 तक 1764 करोड़ रुपये खर्च कर इसे अंजाम तक पहुंचाया। जल संसाधन मंत्री ने बताया कि अर्जुन सहायक नहर परियोजना से 244 किमी की लंबाई में बनी नहर से 69,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी और इसे 1.49 लाख किसान लाभान्वित होंगे। जल संसाधन मंत्री ने बाण सागर परियोजना पर भी विस्तार से चर्चा की। बताया कि 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पित इस परियोजना से 1.50 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित हो रही है जिसका फायदा दो लाख कि

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