बॉडी में हो रहे इन बदलाव को ना करे नज़रअंदाज़, हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर
आजकल हर उम्र की महिलाओं में ये बीमारी फैलती जा रही है। ब्रेस्ट में गांठ पड़ना स्तन कैंसर का एक विशिष्ट संकेत है। ये सर्वाइकल कैंसर के बाद दूसरे स्थान पर है। अगर ब्रेस्ट कैंसर का जल्दी पता चल जाए (स्टेज I-II) तो इसका इलाज संभव है। इसमें मेनोपॉज के बाद 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं सबसे अधिक असुरक्षित होती हैं, लेकिन यह कम उम्र की महिलाओं में भी हो सकता है।
स्तन कैंसर के दुर्लभ मामलों में कोई गांठ या असमान कोशिका वृद्धि नहीं होती है, जिसके चलते अक्सर आप अपनी बीमारी के बारे में पता नहीं कर पाते हैं। आज हम आपको ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों से जुड़ी जानकारी के बारे में बताएंगे, अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
इन बाहरी लक्षणों को देखें
कई बार अलग-अलग महिलाओं में अलग तरह के लक्षण दिखते हैं। कई बार ऐसा होता है कि समय के रहते लक्षण नहीं पता चल पाते जो बाद में घातक हो जाते हैं। ब्रेस्ट, बगल और कॉलर बोन पर या उसके आस-पास गांठ, सूजन या सूजी हुई लिम्फ नोड्स पर ध्यान दें। हालांकि शरीर की हर गांठ कैंसर भी नहीं होती है, लेकिन एक सिस्ट, ब्लॉक्ड मिल्क ग्लैंड, फोड़ा या फाइब्रो-एडेनोमा (चिकनी, रबड़युक्त और सौम्य गांठ जो छूने पर चलती है) हो सकती है।
-ब्रेस्ट की त्वचा का अचानक से मोटा होना, फड़कना, स्केलिंग और मलिनकिरण या चोट लगना।
– आपकीब्रेस्ट क्षेत्र में चकत्ते या जलन होना।
– महिलाओं के निप्पल से पानी या खूनी निर्वहन होना।
– ब्रेस्ट के आकार में बदलाव पर ध्यान देना चाहिए।
-निप्पल को खींचा हुआ या अंदर की ओर दबा हुआ होना।
-ब्रेस्ट क्षेत्र में या उसके आस-पास दर्द और कोमलता होना।
– इतना ही नहीं बाएं ब्रेस्ट में गांठें अधिक सामान्य रूप से विकसित होती हैं।
परिवार से भी हो सकता है
यदि आपके परिवार में किसी भी प्रथम श्रेणी की महिला रिश्तेदारों (दादी, मां, चाची, या बहन) का पता लगाया जाता है या परिवार में कैंसर का इतिहास है, तो निवारक जांच आवश्यक है।
-मेनोपॉज के बाद 55 वर्ष से अधिक की महिलाएं
-यदि मेनोपॉज (पीरियड्स की समाप्ति) 55 वर्ष के बाद होता है
-ब्रेस्टफीडिंग का कोई पिछला इतिहास नहीं हो
-स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन खतरनाक है
-अधिक वजन या मोटापा भी इस कैंसर का पूरा जोखिम को बढ़ा सकता है