दलितों के नाम पर मायावती ने चार बार प्रदेश में शासन किया लेकिन दलितों के लिए किया कुछ नहीं: सिद्धार्थनाथ सिंह
लखनऊ। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके पास अब चुनावी घोषणापत्र के लिए कुछ बचा ही नहीं है। दलितों के नाम पर चार बार उन्होंने प्रदेश में शासन किया लेकिन दलितों के लिए किया कुछ नहीं, अलबत्ता दौलत की बेटी जरूर बन गयीं, जबकि मोदी और योगी सरकार दलितों, वंचितों और शोषितों को निशुल्क मकान, निशुल्क गैस व बिजली कनेक्शन, मुफ्त राशन सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं के जरिये उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठा रही है। लिहाजा मायावती के पास अब घोषणापत्र के लिए कुछ बचा ही नहीं है।
एक बयान में प्रदेश प्रवक्ता सिंह ने कहा कि घोषणा पत्र से फोल्डर पर आयीं मायावती को यह भान हो चुका है दलित समाज उनके दौलत के खेल को समझ चुका है । दलित समाज यह भी जान चुका है कि भाजपा सरकार में ही उसका सम्मान, सुरक्षा और विकास का वर्तमान व भविष्य निहित है । इसी हताशा में मायावती के पैरों तले की जमीन खिसक चुकी है। अब कहने को कुछ और नहीं बचा तो घोषणा पत्र से फोल्डर पर आ चुकी हैं।
बसपा के ब्राह्मण प्रेम पर कटाक्ष करते हुए सिंह ने कहा कि कभी ‘तिलक, तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार’ का नारा देने वाली बसपा का ब्राह्मण प्रेम हाथी के दांत की तरह दिखावटी है। असलियत में मायावती का ब्राह्मण प्रेम एक परिवार तक सीमित है। बसपा सुप्रीमो को समझना चाहिए की काठ की हांड़ी बार -बार नहीं चढ़ती। इसे ब्राह्मण समाज बखूबी समझ चुका है।