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कल मनाया जाएगा धनतेरस का त्योहार, इन मंत्रों से दें भगवान कुबेर को आहुति

 

कल से दीपावली के पांच पर्वों की शुरुआत हो रही है। दीपावली की शुरुआत सबसे पहले धनतेरस पर्व से होती है। इस पर्व में आरोग्य देवता धन्वंतरि के साथ धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। बता दें कि भगवान कुबेर को भी देवी लक्ष्मी का भाई माना जाता है। क्योंकि वह देवताओं के धन-संपत्ति के खजांची हैं और उसकी रक्षा की जिम्मेदारी उन पर है। इसके अलावा वह धन-संपत्ति का वरदान देने वाले भी हैं।

ऐसे करें भगवान् कुबेर की पूजा

सबसे पहले आचमन, फिर ध्यान, इसके बाद जप, आहुति-होम और अंत में आरती का विधान है। इन पांच प्रकार के पूजन से कुबेर देव को प्रसन्न करके उनसे उनका आशीर्वाद लिया जाता है।

इस धनतेरस पर इन मंत्रो से दें भगवान् कुबेर को आहुति

जपतामुं महामन्त्रं होमकार्यो दिने दिने.
दशसंख्य: कुबेरस्य मनुनेध्मैर्वटोद्भवै.
धनपति कुबेर के मंत्र का उच्चारण करते हुए हर दिन कुबेर मंत्र से वटवृक्ष की समिधाओं में दश आहुतियां देनी चाहिए. खासतौर पर धनतेरस या दिवाली पर ये प्रयोग जरूर करना चाहिए.

होम करने में रखें सावधानी
होम करते समय अग्नि के समक्ष इस प्रकार करें ध्यान
होमकाले कुबेरं तु चिन्त्येदग्निमध्यम्.
धनपूर्ण स्वर्णकुम्भं तथा रत्नकरण्डकम्.

हस्ताभ्यां विप्लुतं खर्वकरपादं च तुन्दिलम्.
वटाधस्ताद्रत्नपीठोपविष्टं सुस्मिताननम्.
एवं कृत हुतो मन्त्री लक्ष्म्या जयति वित्तपम्.

अथ प्रत्यङ्गिरा वक्ष्ये परकृत्या विमर्दिनीम्.

इसका अर्थ है कि धनपूर्ण स्वर्णकुम्भ तथा रत्न के पात्र को लिये अपने दोनों हाथों से उसे उड़ेल रहे हैं। जिनके पैर और हाथ छोटे और पेट तुन्दिल यानि मोटा है, जो वटवृक्ष के तले रत्नसिंहासन पर विराजमान हैं और प्रसन्नमुख हैं। इस प्रकार ध्यान करते हुए साधक धनराज को होम करता है तो वह कुबेर से भी अधिक संपत्तिशाली हो जाता है।

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