विटामिन बी-12 की कमी से बिगड़ा सकता है आपका मानसिक स्वास्थ्य, तनाव और अवसाद का भी बढ़ जाता है खतरा
नई दिल्ली: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए सभी लोगों को रात में 6-8 घंटे की अच्छी नींद जरूर लेनी चाहिए। हालांकि तनाव, अवसाद, चिंता जैसे कई समस्याओं के कारण हाल के वर्षों में लोगों की नींद पूरी न हो पाना काफी सामान्य हो गया है, शायद यही कारण है कि पहले की तुलना में अब लोगों में तरह-तरह की गंभीर बीमारियां देखने को मिल रही हैं। कोरोना के इस नकारात्मक दौर ने लोगों की नींद को और भी प्रभावित किया है। डॉक्टरों के मुताबिक नींद में कमी का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक लंबे समय से माना जाता रहा है कि तनाव और अवसाद के कारण अनिद्रा की समस्या होती है, हालांकि कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि हमारे आहार का भी इस समस्या में उतना ही योगदान हो सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि शरीर में विटामिन बी-12 की कमी के कारण अवसाद, नींद न आने और अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
मानव शरीर के विकास, डीएनए और लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए विटामिन बी-12 की आवश्यकता होती है। इस विटामिन की कमी के कारण पाचन संबंधी समस्याओं के बारे में जाना जाता रहा है, हालांकि हालिया अध्ययनों से पता चलता है कि यह अवसाद और अनिद्रा का भी कारण बन सकती है। अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि अवसाद के कारण माध्यमिक अनिद्रा की समस्या हो सकती है, इसलिए सभी लोगों को आहार के माध्यम से विटामिन बी-12 का सेवन सुनिश्चित करना चाहिए।
वैज्ञानिकों के मुताबिक विटामिन बी-12 शरीर में मेलाटोनिन के स्तर को नियंत्रित करता है।मेलाटोनिन हार्मोन सर्कैडियन रिदम और नींद के पैटर्न को व्यवस्थित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यही कारण है कि जिन लोगों में विटामिन बी -12 की कमी होती है उनमें अक्सर नींद की कमी बनी रह सकती है हैं। इसके अलावा यदि आपको भूख न लगने, याददाश्त कम होने, हाथों और पैरों में झुनझुनी, थकान और शारीरिक कमजोरी की भी समस्या बनी रहती है तो इसे भी विटामिन बी-12 की कमी का संकेत माना जा सकता है।
विटामिन बी-12 के स्रोत क्या हैं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक किसी भी विटामिन की पूर्ति के लिए आहार को पहली प्राथमिकता देना चाहिए, बहुत ही कमी की स्थिति में सप्लीमेंट्स का सहारा लेना चाहिए। आहार में अंडे चिकन, मछली, साबुत अनाज, कम फैट वाले दूध, दही और पनीर आदि को शामिल करके इस पोषक तत्व की कमी को पूरा किया जा सकता है। अपने स्वास्थ्य के आधार पर विटामिन बी-12 वाले आहार के बारे में जानने के लिए किसी चिकित्सक की सलाह ले सकते हैं।