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पीएम मोदी के संबोधन पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा- भ्रम फैला रहे हैं प्रधानमंत्री

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के नाम अपना संबोधन दिया। राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कोरोना टीकाकरण पर भारत की उपलब्धि को लेकर चर्चा की। वहीं इस संबोधन के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गलत जानकारियां देकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है और देश से माफी मांगने के लिए कहा है। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पीएम मोदी से सवाल किया कि जब देश की 50 फीसदी आबादी को कोविड का एक भी टीका नहीं लगा और सरकार की अक्षमता के कारण लाखों लोगों की जान चली गई तो फिर किस बात का जश्न मनाया जा रहा है?

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कुछ ऐसे तथ्य रखे जो आधे-अधूरे थे और गलत भी थे। इनसे वैज्ञानिक समुदाय में भ्रम फैल सकता है। हमारे यहां कहावत है कि नीम-हकीम खतरा-ए-जान। प्रधानमंत्री  ‘एन्टायर पोलिटिकल साइंस’, ‘इवेंटोलॉजी’ और ‘वस्त्रोलॉजी’ के बारे में बात कर सकते हैं। लेकिन स्वास्थ्य और महामारी जैसे संवेदशील विषय पर उन्हें गलत जानकारी नहीं देनी चाहिए थी।

उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में पहली बार टीके बने हैं। मुझे लगता है कि यह भारत के वैज्ञानिकों, औषधि उद्योग, चिकित्सकों, नर्सों, कोरोना योद्धओं का अपमान है। सच्चाई यह है कि भारत पहले से ही टीकों के उत्पादन का बहुत बड़ा केंद्र है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भारत में 1960 के दशक में टीबी के नियंत्रण का कार्यक्रम आरंभ किया गया था। 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने एक साथ छह बीमारियों के लिए टीकाकरण आरंभ किया, लेकिन कहीं अपना फोटो लगाकर विज्ञापन नहीं किया। 2011 में टीकाकरण नीति बनाई गई। वल्लभ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि भारत दुनिया का पहला देश बना जहां टीकों की 100 करोड़ खुराक दी गई है। जबकि 16 सितंबर, 2021 तक चीन में 200 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं।

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