आपको भी है नवरात्री के अष्टमी को लेकर कंफ्यूजन ? जानिए सही तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त
नई दिल्ली: नवरात्री में माँ दुर्गा की उपासना और पूजा अर्चना का बेहद महत्त्व होता है। ऐसी मान्यता है कि अष्टमी और नवमी तिथि में माता आदिशक्ति की जो कोई भी पूजा करता है उसको माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस तिथि में ज्यादातर लोग कन्या पूजन करते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि अष्टमी और नवमी का व्रत कब रखा जाएगा और साथ ही, इस दिन किस शुभ मुहूर्त में मां की आराधना की जा सकेगी।
अष्टमी तिथि 12 अक्टूबर को रात 9 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर 13 अक्टूबर की रात 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगी। अष्टमी तिथि को मनाने वाले भक्त व्रत उदया तिथि में 13 अक्टूबर को रखेंगे। इस दिन अमृत काल सुबह -3 बजकर 23 मिनट से सुबह 04 बजकर 56 मिनट तक और ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 48 मिनट से सुबह 05 बजकर 36 मिनट तक है।
दिन का चौघड़िया :
लाभ – 06:26 AM से 07:53 PM तक।
अमृत – 07:53 AM से 09:20 PM तक।
शुभ – 10:46 AM से 12:13 PM तक।
लाभ – 16:32 AM से 17:59 PM तक।
रात का चौघड़िया :
शुभ – 19:32 PM से 21:06 PM तक।
अमृत – 21:06 PM से 22:39 PM तक।
लाभ (काल रात्रि) – 03:20 PM से 04:53 PM तक।
वमी तिथि और शुभ मुहूर्त-
नवमी तिथि 13 अक्टूबर को रात 08 बजकर 07 मिनट से शुरू होकर 14 अक्टूबर की शाम 06 बजकर 52 मिनट तक रहेगी। नवमी तिथि को मनाने वाले लोग व्रत 14 अक्टूबर, गुरुवार को रखेंगे। पूजा का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक का है। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 49 मिनट से सुबह 05 बजकर 37 मिनट तक का है।
संधि पूजा का महत्व-
अष्टमी तिथि के समाप्त होने के अंतिम 24 मिनट और नवमी तिथि शुरू होने के शुरुआती 24 मिनट के समय को संधि क्षण कहा जाता है। इस वक्त मां दुर्गा की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि संधि काल में मां दुर्गा ने असुर चंड और मुंड का वध किया था।