गोरखपुर : खुल गयी पुलिस की झूठी कहानी, मनीष गुप्ता हत्याकांड में CCTV ने पकड़ा पुलिस का झूठ
कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर के एक होटल में पुलिस की पिटाई से मौत हो गई थी जिसके बाद मामले में नये-नये खुलासे हो रहे हैं। जिस रात पुलिस मनीष के कमरे में पहुंची थी उस रात का CCTV फुटेज सामने आ गया है जिसमें पुलिस की कहानी एक बार फिर फर्जी साबित होती नज़र आ रही है।
शरीर में कोई हरक़त नहीं थी
सीसीटीवी फुटेज में साफ़ नज़र आ रहा है कि जब पुलिस ने मनीष गुप्ता को कमरे से बाहर निकाला तो उसके शरीर में कोई हरक़त नहीं थी और उसे फर्श पर घसीटकर बाहर निकाला गया था। कमरे से बाहर लाने के बाद पुलिसकर्मी मनीष को आलमारी के पास ही लिटा देते है। मनीष के शरीर पर अंडरवियर के अलावा और कोई कपड़ा नहीं है।
इसी दौरान एक अन्य पुलिसवाल तौलिया ले कर आता है जिसमें लपेट कर चार लोग मनीष को लिफ्ट तक ले जाते हैं। इसके बाद होटल स्टाफ की मदद से मनीष को लिफ्ट तक और बाद में पुलिस जीप तक लाया गया था। भारी होने की वजह से पुलिस के अलावा होटल के दो स्टाफ ने मनीष के हाथ- पैर पकड़े थे जबकि पास में खडे़ इंसपेक्टर जगत नारायण सिंह ने उसे उठाने में मदद भी नहीं की थी।
पुलिस की कहानी झूठी
वीडियो में साफ दिख रहा है कि मनीष गुप्ता को 27 सितंबर की रात जब पुलिसकर्मी कमरा नंबर 512 से बाहर लाए, तो उनके शरीर में कोई हरकत नहीं थी। इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह भी उस समय मौके पर मौजूद थे और जगत नारायण ने ही बेजान-से मनीष को दूसरे दरोगा और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ लिफ्ट से नीचे भिजवाया था। बता दें कि CCTV फुटेज से पुलिस की कहानी झूठी साबित हो रही है। पुलिस ने बताया था कि जब मनीष को अस्पताल ले जाया गया था तब वह पूरे होश में था। हालांकि वीडियो में इससे उलट नज़र आ रहा है।
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