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जापान के नए प्रधानमंत्री बने फुमिओ किशिदा, जानें कैसे होंगे भारत के रिश्ते

नई दिल्ली: जापान की संसद ने पूर्व विदेश मंत्री फुमिओ किशिदा को सोमवार को देश का नया प्रधानमंत्री चुना है। किशिदा पर आसन्न राष्ट्रीय चुनाव से पहले कोरोना वायरस वैश्विक महामारी और चीन और रूस जैसे खतरों से तेजी से निपटने की चुनौती है। किशिदा ने योशिहिदे सुगा का स्थान लिया है। सुगा और उनकी कैबिनेट ने दिन की शुरुआत में इस्तीफा दे दिया था। किशिदा और उनके कैबिनेट के सदस्य आज ही शपथ ग्रहण करेंगे।

ऐसे में जब भारत और जापान के रणनीतिक रिश्ते बेहद मजबूत होने की राह पर हैं, फुमियो किशिदा का नए प्रधानमंत्री के तौर पर निर्वाचित होना भारत के लिए एक शुभ समाचार है। किशिदा भारत और जापान की मजबूती दोस्ती एवं रणनीतिक रिश्तों के पुराने हिमायती हैं। वर्ष 2015 में विदेश मंत्री का पद संभालने के बाद उन्होंने सबसे पहले भारत की यात्रा कर इसका सबूत दिया था। किशिदा के मन में भारत के साथ रिश्तों की विशेष अहमियत होने के बावजूद दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के भावी सालाना शिखर सम्मेलन में विलंब होने की संभावना है।

तकरीबन कई वजहों से यह सालाना शिखर सम्मेलन वर्ष 2019 और वर्ष 2020 में नहीं हो पाया है। असम में हिंसा होने की वजह से दिसंबर 2019 की पूर्व पीएम आबे की यात्रा अंतिम समय में टाल दी गई थी। उसके बाद आबे के भारत आने की तैयारी चल रही थी कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे दिया।

पीएम मोदी और पीएम सुगा की एक पखवाड़े पहले ही वाशिंगटन में द्विपक्षीय बैठक हुई लेकिन अभी शिखर सम्मेलन नहीं हो पाया है। इसको लेकर दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के बीच संपर्क बना हुआ है। अब देखना होगा कि नए पीएम किशिदा भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए भारत आते हैं या जल्द होने वाले चुनाव प्रक्रिया में व्यस्त हो जाते हैं। किशिदा को जापान की राजनीति में बेहद तेज-तर्रार और वक्त के हिसाब से अपनी छवि व रणनीति में बदलाव करने वाले नेता के तौर पर जाना जाता है।

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