कोरोना वैक्सीन को लेकर वैज्ञानिकों ने किया दावा, फाइजर है डेल्टा वैरिएंट पर काफी कारगर
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी ने भारत ही नहीं बल्कि लगभग पूरी दुनिया को बुरी तरह प्रभावित किया। हर किसी का जीवन किसी न किसी तरीके से इस वायरस की वजह से प्रभावित हुआ और इसी वायरस की वजह से ही लोगों का जीवन जीने का तरीका भी अब पूरी तरह बदल चुका है। भले ही आज हम पहले से बेहतर स्थिति में खुद को देख रहे हैं, लेकिन हम ये बिल्कुल नहीं भूल सकते कि एक समय था, जब इस कोरोना वायरस से बिना किसी हथियार यानी वैक्सीन के मुकाबला कर रहे थे।
वहीं, मौजूदा समय में दुनिया के पास एक से बढ़कर एक कोरोना वैक्सीन है, जिसमें से एक फाइजर भी है। फाइजर वैक्सीन को लेकर हाल ही में एक अध्ययन सामने आया है, जिसे लैंसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इसमें बताया गया है कि फाइजर की वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट पर काफी कारगर है। हालांकि, अध्ययन ये भी बताता है कि, छह महीने बाद फाइजर की वैक्सीन का असर बड़े स्तर पर कम हो रहा है।
दरअसल, हाल ही में लैंसेट मेडिकल जर्नल में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ। इसमें बताया गया है कि छह महीने बाद फाइजर की वैक्सीन का असर बड़े स्तर पर काम हो रहा है। हालांकि, मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने और मौत के मामले में कम से कम 6 महीनों तक वैक्सीन की प्रभावकारिता 90 फीसदी पर बनी हुई है।
अध्ययन में बताए डेटा के मुताबिक, फाइजर की वैक्सीन का प्रभाव दूसरे डोज के छह महीनों बाद 88 फीसदी से घटकर 47 फीसदी पर आ गया है। लेकिन अच्छी खबर से भी नजरें नहीं हटाई जा सकती है, क्योंकि अध्ययन ये भी बताता है कि डेल्टा वैरिएंट पर ये वैक्सीन अस्पताल में भर्ती होने और मौत के मामले में बेहतर सुरक्षा लोगों को प्रदान कर रही है।