बुंदेलखंड: कांग्रेस को एक बार फिर से लगा झटका, कई बड़े नेताओं ने थामा सपा का हांथ
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सभी पार्टियां जमकर मेहनत कर रही हैं। एक तरफ कांग्रेस पार्टी अपना अस्तित्व बचाने में लगी हुई है वहीं दूसरी तरफ उसे झटके पर झटके मिल रहे हैं। इस बार कांग्रेस को बुंदेलखंड में बड़ा झटका लगा है।
कांग्रेसी नेताओं ने थामा सपा का हांथ
दरअसल, महोबा, जालौन और हमीरपुर के बड़े कांग्रेसी नेताओं ने सपा का हांथ थाम लिया है। बुंदेलखंड के जिन नेताओं ने कांग्रेस छोड़ी है उनमें हमीरपुर के राठ से पूर्व विधायक गयादीन अनुरागी, महोबा के दिग्गज कांग्रेसी नेता मनोज तिवारी और जालौन-उरई से पूर्व विधायक रहे विनोद चतुर्वेदी के नाम शामिल हैं। हमीरपुर जिले से गयादीन अनुरागी शुरुआत से बसपा में रहे थे और फिर 2012 के विधान सभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट से हमीरपुर जिले की राठ विधान सभा से चुनाव लड़ा जिसमें वह1 लाख वोट से जीतकर विधायक चुने गए। लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं इस चुनाव में भाजपा की मनीषा अनुरागी ने जीत हासिल की है। ऐसा माना जा रहा है कि 2022 में सपा गयादीन अनुरागी को टिकट दे सकती है।
सपा की सदस्यता ले कर सभी को चौंका दिया
इसके अलावा मनोज तिवारी के पिता बाबूलाल तिवारी महोबा सीट से कांग्रेस से पांच बार विधायक रहे। बाबूलाल तिवारी का बहुत बड़ा नाम और कांग्रेस में बड़ा कद था। उनके बेटे मनोज तिवारी भी अभी पिता की विरासत को संभालने के लिए कांग्रेस में जमे हुए थे। लेकिन अचानक शुक्रवार को उन्होंने भी सपा की सदस्यता ले कर सभी को चौंका दिया। इसके साथ ही बुंदेलखंड के कांग्रेस के कद्दावर नेता विनोद चतुर्वेदी भी कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हो गए। चतुर्वेदी 3 बार कांग्रेस से जालौन के जिला अध्यक्ष रहे। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे. हाल ही में उन्हें प्रियंका गांधी के सलाहकार समिति का सदस्य बनाया गया था। विनोद चतुर्वेदी 2007 में पहली बार उरई विधानसभा सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। हालांकि 2012 और 2017 में उन्हें माधौगढ़ सीट से हार का सामना करना पड़ा।
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