शिक्षक दिवस पर प्रदेश के उच्च शिक्षा तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग के उत्कृष्ट शिक्षकों का सम्मानित किया जाएगा: दिनेश शर्मा
लखनऊ। उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि 05 सितंबर को महान शिक्षाविद एवं भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रदेश के उच्च शिक्षा तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग के उत्कृष्ट शिक्षकों का सम्मानित किया जाएगा।
उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने बताया कि शिक्षक दिवस के अवसर पर 05 सितंबर 2021 को प्रदेश स्थित उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राज्य विश्वविद्यालयों, राजकीय महाविद्यालयों, सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों, स्ववित्तपोषित शिक्षण संस्थानों एवं कतिपय सेवानिवृत्त शिक्षकों में से चयन करते हुए प्रत्येक जनपद में 75 शिक्षकों को उत्कृष्ट कार्यों है सम्मानित किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इसके साथ ही शिक्षक दिवस के अवसर पर माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत भी प्रत्येक जनपद में 75 प्रधानाचार्य/ प्रधानाध्यापक/ शिक्षक को चयनित कर अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान करते हुए सम्मानित किया जाएगा। सम्मानित किए जाने वाले शिक्षकों में वित्तविहीन/ राजकीय/ सहायता प्राप्त/संस्कृत माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य/ प्रधानाध्यापक/ शिक्षकों का चयन किया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत शिक्षक सम्मान समारोह के अवसर पर सम्मानित किए जाने वाले प्रधानाचार्य/ प्रधानाध्यापक/ शिक्षक का चयन ऐसे विद्यालयों से किया जाएगा जहां विगत वर्षों में विद्यालय/अध्यापित विषय का परीक्षा फल उत्कृष्ट रहा हो। चयनित किए जाने वाले प्रधानाचार्य/ प्रधानाध्यापक/ शिक्षक का कार्य एवं व्यवहार उत्कृष्ट कोटि का रहा हो, कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत लॉकडाउन की अवधि में शिक्षक द्वारा ऑनलाइन पठन-पाठन में उल्लेखनीय योगदान दिया गया हो, सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से विद्यालय की अवस्थापना सुविधाओं मे उल्लेखनीय कार्य किया गया हो, विद्यालय में छात्र नामांकन में निरंतर वृद्धि की गई हो, विद्यालय में पाठ्य सहगामी क्रियाकलापों का आयोजन किया जाता हो। प्रधानाचार्य/ प्रधानाध्यापक/ शिक्षक को विभाग की परीक्षाओं में डिबार अथवा दंडित नही किया गया हो, प्रधानाचार्य/ प्रधानाध्यापक/ शिक्षक के विरुद्ध किसी न्यायालय में कोई अपराधिक वाद लंबित/ प्रचलित न हो और न ही माननीय न्यायालय द्वारा दंडित किया गया हो। प्रधानाचार्य/ प्रधानाध्यापक/शिक्षक के कृतित्व, व्यक्तिव एवं उत्तम ख्याति आदि का परिक्षण आवश्यक होगा।