84 कोसी परिक्रमा मार्ग को पर्यटन, रोजगार और व्यापार के दृष्टिकोण से भी उपयोगी बनाया जाए: केशव प्रसाद मौर्य
लखनऊ। उ0प्र0 के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अयोध्या 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को पर्यटन, रोजगार और व्यापार के दृष्टिकोण से भी बहुत उपयोगी बनाया जायेगा। परिक्रमा मार्ग ऐतिहासिक मार्ग बनेगा, यह मार्ग 227-बी नेशनल हाईवे के नाम से जाना जायेगा। 275 किमी0 लम्बे इस मार्ग का संरेखण 45 मी0 चौड़ा होगा तथा यह मार्ग 04 लेन का बनेगा। मार्ग पर पड़ने वाले प्रमुख धार्मिक, सांस्कृतिक, पौराणिक व पर्यटन के स्थलों की झांकी दर्शायी जायेगी। मार्ग के आस-पास पड़ने वाले पौराणिक व धार्मिक स्थलों को लिंक मार्ग से जोड़ा जायेगा। 84 कोसी परिक्रमा मार्ग में पड़ने वाले सभी 5 जिलों में जिलास्तर से एक-एक नोडल अधिकारी बनाया जायेगा। मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये जगह-जगह हाल्ट भी बनाये जायेंगे। श्री मौर्य आज 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को नये स्वरूप में धरातल पर उतारने के लिये लोक निर्माण विभाग मुख्यालय स्थित कमाण्ड सेन्टर में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में अयोध्या, अम्बेडकरनगर, गोण्डा, बाराबंकी व बस्ती के सांसदों, विधायकों व जिलाधिकारियों से सुझाव भी लिये गये तथा 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का विभाग द्वारा प्रेजेन्टेशन भी किया गया।
उपमुख्यमंत्री श्री मौर्य ने कहा राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में विकसित किये जाने वाले इस मार्ग के किनारे रामायणकालीन वृक्षों का रोपण किया जायेगा तथा रामायणकालीन कथाओं का चित्रण करने वाली व तत्कालीन ऋषिओं, मुनियों की झांकियों व तत्समय की घटनाओं का सुन्दर व मनोहारी चित्रण किया जायेगा, साथ-ही-साथ इसे रोजगार सृजन के दृष्टिकोण से भी उपयोगी बनाया जायेगा। उन्होने निर्देश दिये कि जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि मार्ग के किनारे कोई अतिक्रमण न किया जाय। इस मार्ग के किनारे काफी जगह आरक्षित रखी जायेगी, जिसे भविष्य में और डेवलप किया जा सकेगा। संरेखण, भूमि अधिग्रहण व अन्य आवश्यक कार्यों के बाबत उपमुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी पांचों जिलों में एक-एक योग्य व क्षमतावान अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया जाय।
उन्होने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनप्रतिनिधियों के सुझावों को ध्यान में रखते हुये, सभी औपचारिक कार्यवाही शीघ्र से शीघ्र सुनिश्चित की जाय। उन्होने कहा इसका सर्वे ड्रोन के माध्यम से अत्याधुनिक तकनीकी से कराकर एलाइन्मेन्ट इस माह के अन्त तक जरूर करा लिया जाय तथा जो भी कन्सल्टेन्ट व अधिकारी जांय, तो वहां पर सम्बन्घित क्षेत्र के जनप्रतिधियों को जरूर बुलाया जाय। उन्होने यह निर्देश दिये कि इस मार्ग का निर्माण शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर कराया जाना है। जमीन अधिग्रहण व मुआवजा आदि वितरण की कार्यवाही तीव्र गति से कराया जाना सुनिश्चित किया जाय। अक्टूबर माह में इसके शिलान्यास कराये जाने की तैयारी की जाय।
श्री मौर्य ने कहा कि उच्चस्तर के अधिकारी इसकी लगातार मॉनीटरिंग करें तथा पूरे मनोभाव से इसे अमलीजामा पहनाने के लिये कार्य करें। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यूटिलिटी शिफ्टिंग की भी प्रभावी व ठोस रणनीति बनाकर कार्य सुनिश्चित किया जाय। इस परिक्रमा मार्ग पर 05 जिलों की 112 ग्राम सभाएं आयेंगी। 84 कोसी परिक्रमा बस्ती जिले के मखौड़ा ग्राम से शुरूआत होती है। यहां पर भी ठहरने आदि की व्यवस्था के लिये सुविधाजनक विकास किया जायेगा। इस मार्ग पर भगवान राम की जीवन लीला से सम्बन्धित झांकियों को आकर्षक ढ़ग से पर्यटन व धार्मिक दृष्टिकोण से दर्शाया जायेगा। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये इस मार्ग के सभी पैकेज की शुरूआत एक-साथ करायी जाय। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 84 कोसी परिक्रमा मार्ग बन जाने से जहां देश, विदेश के पर्यटकों भी श्रद्धा और विश्वास के साथ परिक्रमा कर सकेंगे, वहीं अयोध्या और उसके आस-पास एवं परिक्रमा मार्ग के निकट के स्थलों का बहुमुखी विकास होगा तथा व्यापार व रोजगार के नये साधन बनेंगे और अयोध्या का पुरातन गौरव भी बढ़ेगा। बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री रमापति शास्त्री, राज्यमंत्री श्री चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय, अयोध्या के सांसद श्री लल्लू सिंह, बस्ती के सांसद श्री हरीश द्विवेदी, विधायक प्रतीक भूषण सिंह, प्रमुख सचिव लो0नि0वि0 श्री नितिन रमेश गोकर्ण, सचिव लोक निर्माण विभाग श्री समीर वर्मा, जिलाधिकारी बस्ती श्रीमती सौम्या अग्रवाल, जिलाधिकारी अयोध्या श्री अनुज कुमार झा, जिलाधिकारी बाराबंकी डॉ0 आदर्श सिंह सहित अन्य अधिकारियों व विधायकों/जनप्रतिनिधियों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये।
बैठक में विशेष सचिव लोक निर्माण विभाग श्री गिरिजेश त्यागी, प्रमुख अभियन्ता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष श्री राकेश सक्सेना, प्रमुख अभियन्ता श्री मनोज गुप्ता, मुख्य अभियन्ता (रा0मा0) श्री अशोक कनौजिया, मुख्य अभियन्ता श्री संजय श्रीवास्तव, विशेष कार्याधिकारी श्री प्रदीप कुमार सहित लोक निर्माण विभाग के अन्य अभियन्ता व अधिकारी प्रमुख रूप से माजूद रहे।