Tokyo Olympics: लवलीना ने 9 साल बाद भारत को भारत को मुक्केबाजी में दिलाया पदक
नई दिल्ली: टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन सेमीफाइनल मैच हारकर इतिहास रचने से चूक गईं। उनको महिलाओं के वेल्टरवेट (69किग्रा) सेमीफाइनल मैच में वर्ल्ड चैंपियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली ने 0-5 से हरा दिया। असम की 23 वर्षीय मुक्केबाज ने पहले ही सेमीफाइनल में पहुंचकर कांस्य पदक सुनिश्चित कर दिया था। उन्होंने ओलिंपिक में नौ साल बाद भारत को मुक्केबाजी में पदक दिलाया है। इसके अलावा वह मुक्केबाजी में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली तीसरी भारतीय खिलाड़ी हैं। इससे पहले यह करनामा विजेंद्र सिंह (2008) और एमसी मेरी कोम (2012) कर चुके हैं।
बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ मुकाबले में लवलीना को तीनों ही राउंड में 0-5 से हार का सामना करना पड़ा। भारतीय मुक्केबाज मुकाबला हार तो गईं, लेकिन उन्होंने वर्ल्ड चैंपियन के खिलाफ को काफी कड़ी टक्कर दी। उन्होंने सुरमेनेली को कई अच्छे पंच मारे, पर मैच जीतने से चूक गईं।
लवलीना अगर फाइनल में पहुंचती तो इतिहास रच देती। आजतक कोई भी भारतीय मुक्केबाज ओलिंपिक फाइनल में नहीं पहुंचा है। इसके साथ टोक्यो ओलिंपिक में बॉक्सिंग में भारत की चुनौती समाप्त हो गई। मुक्केबाजी में सिर्फ लवलीना ही देश को पदक दिला पाईं। टोक्यो खेलों में यह भारत का तीसरा पदक है। इससे पहले वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने सिल्वर और बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने कांस्य पदक दिलाया था।