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सीएम के निर्देशन व निगरानी में निखरने लगी काशी विश्वनाथ धाम की आभा

वाराणसी। भगवान शंकर की त्रिशूल पर बसी काशी में बाबा का प्रांगण मूर्तरूप ले रहा है। 50,200 वर्ग मीटर में 339 करोड़ रूपये की लागत से भव्य आनंद वन का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा कुछ नए कार्य प्रस्तावित है, जो शासन स्तर पर  अनुमोदन के लिए भेजा गयाहै। सुरक्षा, म्यूजियम, फैसिलेशन सेण्टर ,बनारस सिटी सेण्टर ,मुमुक्ष भवन जैसे 24 भवन का निर्माण हो रहा है। मंदिर चौक के व्यूइंग गैलेरी से बाबा और माँ गंगा का अद्भुत नज़ारा दे सकेंगे। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में वास्तुशिल्प का अद्धभुत नज़ारा भी देखने को मिलेगा।

श्री काशी विश्वनाथ धाम के मंदिर परिसर को व्यवस्थित और भक्तों के लिए सुगम बनाने के लिए इस क्षेत्र का विकास तेज़ी  किया जा रहा है। जिससे दुनिया भर से आने वाले बाबा के भक्तों को परेशानी न हो। मंदिर परिसर में जाने के लिए चार नक़्क़ाशीदार आलीशान द्वार बनाए जा रहे है। जिसमें पूर्व यानी गंगा की तरफ़ खुलने वाला द्वार गेटवे ऑफ़ मंदिर परिसर ये सबसे बड़ा द्वार होगा। पूर्व ,पश्चिम ,उत्तर , दक्षिण चारों  द्वार नक़्क़ाशी युक्त पीतल और लकड़ी के ख़ूबसूरत डिजाइन से सुसज्जित होंगे। श्री काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के सीईओ सुनील वर्मा  ने बताया कि मंदिर परिसर के लिए निर्मित क्षेत्र 1152 वर्ग मीटर है। जबकि परिसर क्षेत्र विकास के लिए यह 2023 वर्ग मीटर है। पूरा  मंदिर परिसर 3175 वर्ग मीटर में भव्य आकार ले रहा है  नक्क़ाशीदार पत्थरों का एक गलियारा गर्भगृह के चारों और मूर्त  रूप ले रहा है। ये गलियारा सभी द्वारों  को जोड़ेगा। जप-तप, पूजा-अर्चन के लिहाज से भी ये गलियारा काम आ सकता है।

बाबा के आंगन के लिए चुनार के गुलाबी पत्थरों को अहमदाबाद में शिल्पियों द्वारा तराशा जा रहा है। तराशने के बाद 65000 क्यूबिक फिट नक़्क़ाशीदार पत्थर प्रांगण के चारों गलियारों आदि पर लगाए जा रहे है। जिससे मंदिर परिसर की ख़ूबसूरती में चार चाँद लग रहा है। गलियारे की चौड़ाई लगभग 12 फीट और ऊंचाई लगभग 14 फीट है। 4000 स्क्वायर मीटर मकराना का मार्बल बाबा के दरबार में लग रहा है।  इस गलियारे में काशी और बाबा विश्वनाथ से सम्बन्धित धार्मिक चित्रात्मक वर्णन वाले पैनल लगेंगे। जो काशी  में बाबा विश्वनाथ से जुड़ी धार्मिक महात्म को बताएँगे। धार्मिक चित्रात्मक वर्णन वाले पैनल से  काशी के धार्मिक और आध्यात्मिक पहलुओं के बारे में एक ही जगह से पता चल सकेगा।  इस परिसर में कई मंदिर है। जिसे संरक्षित करके सुव्यवस्थित और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। रात में भी बाबा का धाम जगमगाता  रहे इस लिए फसाड लाइटिंग भी लगाई जाएगी। विश्वनाथ धाम में हरियाली का  विशेष ध्यान रखा गया है।  बाबा के दरबार में हरियाली के लिए कई वृक्ष पहले से मौजूद। इन वृक्षों को संरक्षित किया गया है।

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