पीएम मोदी ने वाराणसी में रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का किया उद्घाटन
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वाराणसी दौरे पर गुरुवार को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का उदघाटन किया। इस मौके उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में जब दुनिया ठहर सी गई, तब काशी संयमित तो हुई, अनुशासित भी हुई, लेकिन सृजन और विकास की धारा अविरल बहती रही। काशी के विकास के ये आयाम, ये ‘इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर- रुद्राक्ष’ आज इसी रचनात्मकता का, इसी गतिशीलता का परिणाम है। प्राइम मिनिस्टर श्री शुगा योशीहिदे जी उस समय चीफ़ कैबिनेट सेक्रेटरी थे। तब से लेकर पीएम की भूमिका तक, लगातार वो इस प्रोजेक्ट में व्यक्तिगत रूप से इन्वाल्व रहे हैं। भारत के प्रति उनके इस अपनेपन के लिए हर एक देशवासी उनका आभारी है।
उन्होंने कहा कि आज के इस आयोजन में एक और व्यक्ति हैं, जिनका नाम लेना मैं भूल नहीं सकता। जापान के ही मेरे एक और मित्र- शिंजो आबे जी। मुझे याद है, शिंजों आबे जी जब प्रधानमंत्री के तौर पर काशी आए थे, तो रुद्राक्ष के आइडिया पर उनसे मेरी चर्चा हुई थी। चाहे स्ट्रेटेजिक एरिया हो या इकोनॉमिक एरिया, जापान आज भारत के सबसे विश्वसनीय दोस्तों में से एक है। हमारी दोस्ती को इस पूरे क्षेत्र की सबसे नेचुरल पार्टनरशिप्स में से एक माना जाता है। भारत और जापान की सोच है कि हमारा विकास हमारे उल्लास के साथ जुड़ा होना चाहिए। ये विकास सर्वमुखी होना चाहिए, सबके लिए होना चाहिए, और सबको जोड़ने वाला होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बनारस के तो रोम रोम से गीत संगीत और कला झरती है। यहाँ गंगा के घाटों पर कितनी ही कलाएं विकसित हुई हैं, ज्ञान शिखर तक पहुंचा है और मानवता से जुड़े कितने गंभीर चिंतन हुये हैं। इसीलिए, बनारस गीत-संगीत का, धर्म-आध्यात्म का और ज्ञान-विज्ञान का एक बहुत बड़ा ग्लोबल सेंटर बन सकता है। काशी तो साक्षात् शिव ही है। अब जब पिछले 7 सालों में इतनी सारी विकास परियोजनाओं से काशी का श्रंगार हो रहा है, तो ये श्रंगार बिना रुद्राक्ष के कैसे पूरा हो सकता था? अब जब ये रुद्राक्ष काशी ने धारण कर लिया है, तो काशी का विकास और ज्यादा चमकेगा, और ज्यादा काशी की शोभा बढ़ेगी।