सीएम योगी का निर्देश, कोरोना संक्रमण की नियंत्रित स्थिति के बावजूद एग्रेसिव टेस्टिंग जारी रखी जाए
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन, लखनऊ में कोविड-19 के सम्बन्ध में गठित समितियों के अध्यक्षों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने कोरोना संक्रमण की नियंत्रित स्थिति के बावजूद एग्रेसिव टेस्टिंग जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केवल उन लोगों को ही केंद्र तक बुलाया जाए, जिनका टीकाकरण होना है। टीकाकरण के लिए टाइम स्लॉट जारी कर उसके अनुसार वैक्सीनेशन किया जाए। टीकाकरण की सुगमता के लिए ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग को प्रोत्साहित किया जाए। गांवों में कॉमन सर्विस सेंटरों के माध्यम से लोग टीकाकरण के लिए पंजीयन करा सकते हैं। इस निःशुल्क व्यवस्था के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए।
सीएम ने कहा कि हेल्थ ATM ग्रामीण, कस्बाई, शहरी और महानगरीय क्षेत्रों में लोगों के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होगा। केंद्र व प्रदेश सरकार के समन्वित प्रयासों से अब तक 528 में से 138 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा प्रारंभ हो रही है। श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या उत्तराखंड और बिहार आदि राज्यों में जलाभिषेक के लिए जाती है। कोविड के दृष्टिगत संबंधित राज्यों से संवाद कर यात्रा के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।
इस दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि कोविड-19 महामारी के कारण जिन लोगों का असामयिक निधन हुआ है, उन भूमिधरों की वरासत, उनके विधिक उत्तराधिकारियों के पक्ष में खतौनी में दर्ज करने के लिए आज से विशेष वरासत अभियान शुरू किया गया है। सीएम योगी ने कहा कि व्यवस्था के सुचारु संचालन के लिए डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी ब्लॉक स्तर पर तैनात किए जाएं। चुनाव कार्य में प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष ढंग से संलग्न किसी भी अधिकारी का 11 जुलाई तक कोई अवकाश स्वीकृत न किया जाए। ब्लॉक प्रमुख का चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से हों, इसके लिए जिला प्रशासन/पुलिस बल अतिरिक्त सतर्कता बरतें। अराजक तत्वों के विरुद्ध सख्ती के साथ उचित कार्रवाई की जाए। 17 नगर निगमों सहित नगर पालिका/नगर पंचायतों का सीमा विस्तार किया गया है। नगरीय क्षेत्र में शामिल हुए नए क्षेत्रों के नागरिकों से संवाद करें। वहां साफ-सफाई, ड्रेनेज, दैनिक कूड़ा निस्तारण आदि की प्रक्रिया को व्यवस्थित किया जाए। डूडा और सूडा के कार्यों की गुणवत्ता का परीक्षण हो। इन संस्थानों के अधिकारियों को जवाबदेह बनाया जाए। कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाए जाने की जरूरत है। अमृत योजना और स्मार्ट सिटी मिशन के कार्यों को तेज किया जाए।