यूपी में अब तक किए गए 5 करोड़ 75 लाख से अधिक कोरोना टेस्ट, देश में सबसे ज्यादा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के अनेक राज्यों में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ‘डेल्टा+’ से संक्रमित मरीज पाए जा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इस बार का वैरिएंट पहले की अपेक्षा कहीं अधिक खतरनाक है। हमें विशेष सतर्कता बरतनी होगी। विशेषज्ञों के परामर्श के अनुरूप बिना देर किए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। कोरोना महामारी के दृष्टिगत प्रदेश की स्थिति हर दिन के साथ बेहतर होती जा रही है। यह अतिरिक्त सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है। थोड़ी सी लापरवाही बड़ी समस्या का कारक बन सकती है।
बीते 24 घंटों में 02 लाख 37 हजार 783 टेस्ट किए गए। इसी अवधि में, 174 नए केस सामने आए हैं और 254 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। दैनिक पॉजिटिविटी दर 0.1% से भी कम स्तर पर आ चुकी है, जबकि रिकवरी दर 98.5% से बेहतर हो रही है। वर्तमान में कुल एक्टिव केस घटकर 2,946 रह गए हैं। 1,810 लोगों का इलाज होम आइसोलेशन में हो रहा है। प्रदेश में अब तक 05 करोड़ 75 लाख से अधिक कोविड टेस्ट हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के गहन अध्ययन-परीक्षण के लिए प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा बढ़ाई जा रही है। विगत दिनों आईजीआईबी, नई दिल्ली में कराए गए साढ़े 05 सौ सैंपल परीक्षण के दौरान किसी में भी कोरोना वायरस के डेल्टा+ वैरिएंट की पुष्टि नहीं हुई। 80 फीसदी सैम्पल कोविड की दूसरी लहर के डेल्टा वैरिएंट के ही पाए गए। बीएचयू वाराणसी, केजीएमयू लखनऊ और सीडीआरआई, आईजीआईबी, दिल्ली के सहयोग से वायरस के जीनोम परीक्षण प्रक्रिया को और तेज कराया जा रहा है। अध्ययन की यह रिपोर्ट डेल्टा+ वैरिएंट से बचाव के लिए प्रबंधन में सहायक होगी। कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण सर्वोत्तम सुरक्षा कवर है। प्रदेश में अब तक 03 करोड़ 10 लाख से अधिक वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। 44 लाख से अधिक लोगों ने टीके की दोनों डोज प्राप्त कर ली है।
सीएम योगी ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में शिक्षक संवर्ग के रिक्त पदों पर नियुक्तियों को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए। ऑक्सीजन जेनेरेशन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए तेजी से कार्य जारी है। कल क्रियाशील हुए हापुड़, सिद्धार्थ नगर और कुशीनगर के ऑक्सीजन प्लांट के साथ ही अब तक 121 प्लांट क्रियाशील हो चुके हैं। शेष निर्माणाधीन प्लांट के स्थापना की कार्यवाही तेजी से पूरी की जाए। बाढ़/अतिवृष्टि वाले क्षेत्रों पर सतत नजर रखी जाए। प्रभावित परिवारों को त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जाए।