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नेपाल के पीएम ओली का बेतुका बयान, कहा- योग की उत्पत्ति नेपाल में हुई, भारत तो तब अस्तित्व में ही नहीं था

नई दिल्ली: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक और बेतुका बयान दिया है। ओली ने सोमवार को अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर दावा किया कि योग की उत्पत्ति नेपाल में हुई है, न कि भारत में। ओली ने कहा कि जब दुनिया में योग आया, उस वक्त भारत का अस्तित्व ही नहीं था। वह टुकड़ों में बंटा हुआ था। ओली इससे पहले कह चुके हैं कि असली अयोध्या नेपाल के बीरगंज में है, न कि भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में। उन्होंने दावा किया था कि बीरगंज में भगवान राम का जन्म हुआ था।

ओली ने कहा कि जब योग दुनिया में आया, उस वक्त भारत तो था ही नहीं। उस समय तो भारत रियासतों में बंटा हुआ था। ओली ने यह बयान बालूवतार में योग दिवस के मौके पर आय़ोजित कार्यक्रम में दिया। उन्होंने यह दावा भी किया कि भारतीय विशेषज्ञ तथ्यों को छिपा रहे हैं, क्योंकि तब तो भारत टुकड़ों में अलग-अलग विभाजित था। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत वर्ष 2015 में 21 जून से हुई थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2014 में इसके प्रस्ताव को स्वीकार किया था।

ओली के इस बयान पर साधु-संतों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. भारत के साथ ही नेपाल के दलों ने भी ओली के दावे पर सवाल उठाए थे। कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर ही बगावत झेल रहे ओली पिछले कुछ वक्त से लगातार भारत विरोधी बयान देकर नेपाल में सियासी समर्थन हासिल करने की कोशिश करते रहे हैं। इससे पहले नेपाल ने नया नक्शा जारी कर भारत के उत्तराखंड राज्य के कुछ क्षेत्रों पर अपना दावा ठोका था। नेपाल के नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल का हिस्सा बताया गया है।

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