कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के संरक्षण और उनकी देखभाल के लिए सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की लागू
लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर कोविड-19 के संबंध में गठित समितियों के अध्यक्षों के साथ बैठक की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु उचित दिशा-निर्देश दिए। कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों के संरक्षण और उनकी देखभाल के लिए यूपी सरकार ने एक विशेष योजना को लागू करने का निर्णय लिया है। ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के नाम से यह योजना संचालित होगी।
इसमें जिन बच्चों ने अपने माता-पिता अथवा कानूनी अभिभावक को कोरोना महामारी के कारण खोया है, उन बच्चों के लिए यह योजना लागू होगी। वर्तमान में प्रदेश में 05 ऐसे बाल संरक्षण गृह संचालित हैं, जिनमें इन बच्चों के लिए हर प्रकार की सुविधा, सुरक्षा, पालन-पोषण की पूरी व्यवस्था सरकार कर रही है। यह बाल गृह मथुरा, लखनऊ, प्रयागराज, आगरा और रामपुर में हैं। 10 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चे, जिनका कोई अभिभावक नहीं है, ऐसे बच्चों की केन्द्र सरकार की सहायता से यूपी सरकार द्वारा संचालित बाल संरक्षण गृह में रहने की व्यवस्था होगी। प्रदेश में हम 18 अटल आवासीय विद्यालय संचालित करने जा रहे हैं, जहां ऐसे बालक एवं बालिकाओं हेतु सभी व्यवस्थाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी।
उन्होंने कहा कि अवयस्क बालिकाओं को प्रदेश में केन्द्र सरकार की ओर से संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में शिक्षित करने की व्यवस्था होगी। स्कूल में पढ़ने वाले अथवा व्यवसायिक कोर्स करने वाले बच्चों को, जिन्होंने कोरोना के कारण अपने पैरेंट्स व कानूनी अभिभावक को खोया है, उनके लिए लैपटॉप या टैबलेट की व्यवस्था की जाएगी। इससे बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा के साथ भी जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा। जिन बालिकाओं ने अपने माता-पिता को खोया है, ऐसी बालिकाओं की शादी हेतु यूपी सरकार ₹1.01 लाख उपलब्ध कराएगी।