प्रदेश में ब्लैक फंगस से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार के सभी प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं: योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल माध्यम से आहूत उच्च स्तरीय बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरन्तर प्रभावी बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। यूपी सरकार की ‘ट्रेस, टेस्ट एंड ट्रीट’ की नीति कोरोना संक्रमण की रोकथाम में अत्यन्त सफल सिद्ध हो रही है। प्रदेश में कोविड संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आ रही है। कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के प्रयासों को पूरी प्रतिबद्धता से जारी रखा जाए।
उन्होंने कहा की प्रदेश में ब्लैक फंगस से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार के सभी प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं। ब्लैक फंगस संक्रमण से प्रभावित सभी मरीजों को तत्काल दवा उपलब्ध कराई जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी जनपदों में ब्लैक फंगस की दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहे। भारत सरकार द्वारा ब्लैक फंगस के उपचार के सम्बन्ध में दिए गए सुझावों एवं निर्देशों का यथाशीघ्र क्रियान्वयन किया जाए। महामारी अधिनियम-1897 के अन्तर्गत ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी घोषित किया जाए।
सीएम ने कहा कि कोविड बेड की संख्या में निरन्तर वृद्धि की जाए। आवश्यक मानव संसाधन की संख्या में भी लगातार बढ़ोत्तरी की जाए, इसके लिए भर्ती की कार्यवाही तेजी से सम्पन्न की जाए। आयुष विभाग द्वारा संचालित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को सक्रिय किया जाए। आयुष विभाग द्वारा प्राणायाम के अभ्यास के सम्बन्ध में व्यापक जानकारी दी जाए, इसका प्रचार-प्रसार भी कराया जाए। प्रत्येक जनपद के अस्पतालों तथा मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध कुल वेंटिलेटर्स, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स तथा डायलिसिस यूनिट की संख्या तथा उनकी क्रियाशीलता के सम्बन्ध में विस्तृत विवरण उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन कार्य को व्यापक स्तर पर संचालित किया जाए।आगामी 06 माह में लक्षित आयु वर्ग के सभी प्रदेशवासियों के वैक्सीनेशन के लक्ष्य के साथ योजनाबद्ध ढंग से तैयारी की जाए। इसी प्रकार सभी नगर निकायों में भी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर पर स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग का कार्य कराया जाए। जल-जमाव को रोकने के लिए नाले-नालियों की सफाई करा ली जाए: ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर तथा घनी आबादी के क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फाॅगिंग का विशेष अभियान संचालित किया जाए।