दुष्कर्मी को महज 57 दिनों में सजा सुनाकर इटावा की कोर्ट ने पेश की मिसाल
इटावा। इटावा की एक कोर्ट ने दुष्कर्म के दोषी को महज 57 दिन में सजा सुनाकर नजीर पेश की है। दुष्कर्म के दोषी अरुण ने 4 साल की बच्ची अपहरण करके खेत में ले जाकर उसके साथ रेप किया था।
इटावा के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश काशी प्रसाद सिंह यादव ने सबूतों का निरीक्षण करने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए कहा, यह मामला दुर्लभतम श्रेणी का है। उन्होंने कहा कि अरुण ने जघन्य अपराध किया है और उसे इससे कम सजा नहीं मिलनी चाहिए थी। कोर्ट ने अरुण पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सुनवाई के दौरान लड़की के माता-पिता भी मौजूद रहे।
पुलिस ने बताया कि बच्ची का 18 जनवरी को यौन उत्पीड़न किया गया था। बच्ची मवेशियों के लिए चारा लाने के लिए पास के खेत में गई थी। तभी स्थानीय युवक अरुण ने बच्ची का का अपहरण किया और उसे सरसों के खेत में ले जाकर उसके साथ रेप किया। लड़की की चीख सुनकर आसपास के खेतों में काम कर रहे किसान भागकर वहां आए लेकिन तब तक आरोपी मौके से भागने में कामयाब रहा।
इटावा के एसएसपी आकाश तोमर ने कहा कि घटना 18 जनवरी को दोपहर के करीब 3 बजे हुई थी। उसके बाद बधपुरा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई। इसके एक दिन बाद 19 जनवरी को आरोपी को जिले में चंबल नदी के पुल के पास से गिरफ्तार किया गया था। पीड़िता का बयान दर्ज कर 1 फरवरी को अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिया गया था। तोमर ने कहा, आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पॉक्सो अधिनियम के तहत आरोप सही पाए गए थे।