शुरु हो चुका है मलमास, भूल से भी न करें ये काम
शुक्लपक्ष रविवार शाम 6:03 बजे सूर्यदेव बृहस्पति की राशि मीन राशि में प्रवेश चुके हैं और 14 अप्रैल की रात 2:33 बजे तक मीन राशि में रहेंगे। आसान शब्दों में समझा जाए तो सूर्य एक राशि में 30 दिन तक भ्रमण करता है। इस प्रकार 12 माह अर्थात् एक वर्ष में सूर्य 12 राशियों का एक चक्र पूरा कर लेता है।
भ्रमण करते हुए सूर्य जब-जब बृहस्पति की राशि धनु और मीन में आता है, तो उसे मलमास कहा जाता है। इसे मीन संक्रांति भी कहते हैं। मीन बृहस्पति की जलीय राशि है और इसमें सूर्य का प्रवेश विशेष परिणाम पैदा करता है। बीमारियां और रोग बढ़ते हैं। लोगों के मन में चंचलता आ जाती है। इस समय ज्योतिषीय कारणों से शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं।
इस समय विवाह वर्जित होता है। इस समय अगर विवाह किया जाए तो भावनात्मक और शारीरिक सुख दोनों नहीं मिलते हैं। इस समय नए मकान का निर्माण और संपत्ति का क्रय करना वर्जित होता है।
इस अवधि में बनाए गए मकान आमतौर पर कमजोर होते हैं और उनसे निवास का सुख नहीं मिल पाता है। नया व्यवसाय या नया कार्य आरम्भ न करें। मीन मलमास में नया व्यवसाय आरम्भ करना आर्थिक मुश्किलों को जन्म देता है।
अन्य मंगल कार्य जैसे द्विरागमन, कर्णवेध और मुंडन भी वर्जित होते हैं, क्योंकि इस अवधि के किए गए कार्यों से रिश्तों के खराब होने की सम्भावना होती है।