स्वास्थ्यजीवनशैली

छोड़ दे इन चीजों का इस्तेमाल, नहीं तो कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के होंगें शिकार

पूरे विश्व में ये बात सभी बहुत अच्छी तरह से जानते हैं कि कैंसर एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है। इस बीमारी में शरीर के किसी भी हिस्से की कोशिकाओं का अनियंत्रित विभाजन होने लगता है, जिससे व्यक्ति के बचने के बहुत कम चांस होते हैं। इस बीमारी की वजह से हर वर्ष लाखों लोगो की जान जाती है। ऐसा माना जाता है कि कैंसर सिर्फ शराब, सिगरेट और तंबाकू के सेवन से हो जाता है पर ऐसा नहीं है।

जी हाँ, ये जरूरी नहीं है कि कैंसर शराब और धूम्रपान की वजह से होता है। दरअसल हमारे घर में कई ऐसी चीजें होती हैं। जिससे इस बीमारी का खतरा बना रहता है। अपने घरों में लोग कई ऐसी चीजों का यूज करते हैं जो कैंसर के जोखिम को दोगुना कर देता है।

जाने उन चीजों के बारे में जो बढ़ा देती हैं कैंसर का खतरा

कार्बोनेटिड ड्रिंक्स पीने का चलन

आज कल कार्बोनेटिड ड्रिंक्स पीने का चलन काफी बढ़ गया है। विशेष रूप से लोग इसे गर्मियों में पीना बहुत पसंद करते हैं। इन ड्रिंक्स में हाई-फ्रुटोज कॉर्न सीरप, कई तरह के केमिकल्स और कलर्स मिलाएं जाते हैं जो कैंसर सेल्स को बढ़ा सकते हैं। इसलिए कार्बोनेटिड ड्रिंक्स का सेवन बड़ी समस्या पैदा कर सकता है।

आलू चिप्स और फ्रेंच फ्राई का ज्यादा सेवन

आज कल ज्यादातर लोगों को आलू का चिप्स खाना बेहद पसंद होता है लेकिन इसमें सबसे अधिक कैलोरी और फैट की मात्रा पाई जाती है। मार्केट में तैयार किये जाने वाले आलू के चिप्स और फ्रेंच फ्राई में एक्रिलामाइड नामक तत्व पाया जाता है जो हमारी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।

माइक्रोवेव में गर्म किया हुआ पॉपकॉर्न

फिल्म या टीवी पर कोई पसंदीदा शो देखते समय लोगों को पॉपकॉर्न खाना बहुत पसंद होता है। पर क्या आपको पता है कि माइक्रोवेव में गर्म किया हुआ पॉपकॉर्न कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का कारण बन सकता है क्योंकि जब पॉपकॉर्न के पैकेट को माइक्रोवेव में गर्म किया जाता है तो यह नुकसानदायक केमिकल्स छोड़ता है जो पॉपकॉर्न में मिल जाता है। इसको खाने से फेफड़ों का कैंसर जैसी घातक बीमारी होने का खतरा रहता है।

प्लास्टिक से बने सामानों का इस्तेमाल

ज्यदातर सभी के घरों में प्लास्टिक से बने सामानों का खूब यूज किया जाता है। प्लास्टिक को बनाने में कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल होता है। इनमें से कुछ केमिकल तो ऐसे हैं जो शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक हैं। बिस्फेनॉल ए (बीपीए) नामक केमिकल भी इन्हीं केमिकलों में से एक है जिसका यूज प्लास्टिक बनाने में होता है। यह खतरनाक केमिल शरीर में पहुंकर इम्यून सिस्टम व हार्मोन्स पर बुरा प्रभाव डालता है। साथ ही जब प्लास्टिक कंटेनरों में खाना गर्म किया जाता है तो प्लास्टिक से निकलने वाला टॉक्सिंस इंसुलिन को बढ़ाकर फैट सेल्स को रिलीज करता है और कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है।

वेजिटेबल या रिफाइंड ऑयल का सेवन

वेजिटेबल या रिफाइंड ऑयल को हाइड्रोजन और कई रासायनिक प्रतिक्रियाओं से बनाया जाता है जिससे यह ऑयल लंबे वक्त तक चले। साथ ही तेल को रिफाइन करने के लिए एसिड और गंध को दूर करने के लिए हेक्सानॉल नाम का रसायान इस्तेमाल किया जाता है। इन तेलों के सेवन से हृदय रोग और कैंसर जैसी घातक समस्या हो सकती है।

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