‘रोबोटिक शल्य चिकित्सा ने भारत में जगह बनाई’
पणजी, 17 नवंबर (आईएएनएस)| कंप्यूटर की मदद का शल्य चिकित्सा में व्यापक इस्तेमाल हालांकि, भारत में एक दशक से कम समय से शुरू हुआ है। लेकिन जानकारों का कहना है कि देश में रोबोटिक शल्य चिकित्सा ने खुद को पहले ही स्थापित कर लिया था। देश में 50 से ज्यादा सर्जिकल रोबोट्स व 300 से ज्यादा प्रशिक्षित रोबोटिक शल्य चिकित्सकों का समूह एक अनुमान के अनुसार एक महीने में 700 रोबोटिक शल्य चिकित्सा करता है।
इन शल्य चिकित्साओं में कैंसर कोशिकाओं को निकालने से लेकर कैंसर से नष्ट हो चुके अंगों के पुनर्निर्माण के साथ गुर्दा, यकृत, अग्नाशय, थॉयराइड, प्रोस्टेट व यूटरस जैसे अंगों को निकालना शामिल है।
अमेरिका स्थित वट्टिकुटी फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी महेंद्र भंडारी ने कहा, यद्यपि भारत में कंप्यूटर की सहायता वाली शल्य चिकित्सा को देर से अपनाया गया है, लेकिन अमेरिका में इसे इस सहस्त्राब्दी की शुरुआत में ही शुरू किया गया था। इस बहु-अनुशासनात्मक रोबोटिक शल्य चिकित्सा ने अपनी महत्ता भारत में मरीजों के बेहतर परिणामों व प्रभाव से स्थापित की है।