बीमारियों की जड़ मोटापा सेक्स पॉवर भी घटाता है
नई दिल्ली। मोटापा दुनियाभर में महामारी का रूप ले चुका है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। आमतौर पर लोग मोटापे को बीमारी नहीं मानते, जबकि मोटापा बीमारियों की जड़ है।
मोटापे को दिल की बीमारियों, हाइपरटेंशन, टाइप 2 मधुमेह सहित कई रोगों से जोड़ा जाता था, लेकिन यह केवल आपके स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि आपके मधुर संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है। मोटापा महिला व पुरुष दोनों की ही यौन शक्ति कमजोर करता है।
मोटापे से ग्रस्त लोग इस बारे में कोई टीका-टिप्पणी भी सहन नहीं करते। मोटापे को वे भले ही बीमारी न मानें, लेकिन चिकित्सकों के अनुसार यह कई रोगों को बुलावा देता है।
नोएडा स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल में वरिष्ठ सलाहकार व मनोचिकित्सक डॉ. हरदीप सिंह के अनुसार, “मोटापे से ग्रस्त लोग आत्मसम्मान में कमी महसूस करने लगते हैं और यौन संबंध बनाते वक्त हिचकिचाते हैं। साथ ही शरीर व हार्मोन में होने वाले बदलावों के कारण उनके शारीरिक संबंध बनाने के दौरान जोश में कमी रहती है।
उन्होंने कहा, “भारत मोटापा पीड़ितों के मामले में दुनिया का तीसरा देश है। यह कई तरह की बीमारियों की चुनौती पेश करता है।
इनमें मेटाबॉलिक सिंड्रोम, ओस्टियोआर्थराइटिस पैथोलॉजी और साइकोसेक्सुअल डिसफंक्शन जैसे रोग शामिल हैं, जिसका सेक्स लाइफ पर बेहद बुरा असर पड़ता है और संबंधित व्यक्ति को न सिर्फ अपने साथी में, बल्कि सेक्स के प्रति भी अरुचि होने
लगती है।
शोधों से पता चलता है कि मोटापे के कारण टेस्टोस्टेरॉन (मेल सेक्स हार्मोन) का स्तर कम हो जाता है। कम वजन और बीएमआई से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (एक प्रकार का दोष) की स्थिति में सुधार देखा गया है। महिलाओं की तुलना में पुरुष इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
इस बारे में हालांकि अलग-अलग चिकित्सकों की राय भी अलग-अलग है। दिल्ली के द्वारका स्थित वेंकटेश्वर हॉस्पिटल के एडवांस्ड बैरियाट्रिक एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. सुशांत वढेरा कहते हैं, “मोटापे का शरीर पर असर पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग होता है। जहां तक यौन शक्ति का सवाल है, तो मोटापा पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है।
मोटापे की वजह से लड़कियों में माहवारी जल्दी शुरू हो जाती है और उनमें जवान होने के अन्य लक्षण भी जल्दी विकसित होने लगते हैं। यह पीसीओडी (अंडाशय में गांठ) का भी कारण बनता है, जिसकी वजह से अनियमित माहवारी, त्वचा में कालापन आदि समस्याएं शुरू हो जाती हैं।”
वह कहते हैं, “महिलाओं में मोटापा बांझपन का भी कारण बन जाता है और उन्हें गर्भधारण में काफी मुश्किल आती है। जबकि पुरुषों में मोटापा टेस्टोस्टेरॉन की कमी की वजह बनता है।”
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यौन संबंधों पर मोटापे के असर के बारे में अमनदीप हॉस्पिटल में लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. परमजीत सिंह कहलों कहते हैं, “ज्यादा वजन (ओवरवेट) या मोटापा (ओबेसिटी) के शिकार पुरुषों में सामान्य पुरुषों की तुलना में टेस्टोस्टेरॉन का स्तर कम होता है। कई शोध व अध्ययनों से पता चला है कि हाइपरटेंशन जैसी स्थिति (जिसका संबंध मोटापे से है) शीघ्र पतन की समस्या के लिए भी जिम्मेदार है।”
उन्होंने यह भी कहा, “महिलाओं के मामले में मोटापा उनकी संतान जनने की क्षमता को प्रभावित करता है और आत्मसम्मान में कमी होने के कारण मानसिक तौर पर भी प्रभावित करता है।”
ग्लोबल हॉस्पिटल्स मुंबई में बैरियाट्रिक सर्जन डॉ. अपर्णा भास्कर का कहना है, “बड़ी संख्या में मोटापे से पीड़ित पुरुष व महिलाएं समाज से अलग-थलग महसूस करते हैं, उनके अंदर आत्मविश्वास व आत्मसम्मान की भावना कम हो जाती है और वे काया संबंधी डिस्ऑर्डर से पीड़ित हो जाते हैं। मोटापे से पीड़ित कई महिलाओं में बांझपन की समस्या देखी जाती है।”
उन्होंने कहा, “बतौर चिकित्सक, मैं कहना चाहूंगी कि मोटापे को शुरुआत से ही गंभीरता से लेना चाहिए और ऐसा माहौल बनाया जाना चाहिए, जिससे इस बीमारी से पीड़ित लोग सजग रहें, चिकित्सक से सलाह लें और मोटापे को बीमारी मानकर उसका समुचित इलाज कराएं।”