एनएमसी विधेयक के खिलाफ रैली में एक लाख लोगों ने लिया हिस्सा
नई दिल्ली, 11 मार्च (आईएएनएस)| राष्ट्रीय मेडिकल आयोग विधेयक (एनएमसी) के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की सभी 1725 शाखाओं के सहयोग से रविवार को आयोजित साइकिल रैली में देश भर के एक लाख से अधिक चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने भाग लिया।
इस अभियान का उद्देश्य समूचे देश के नागरिकों में समाज के साथ जुड़ने की भावना पैदा करने और चिकित्सा बिरादरी को मजबूत करना है। इसके साथ ही आयोजन का लक्ष्य आम जनता के बीच मेडिकल बिरादरी पर लगाए गए विभिन्न अधिनियमों के असर पर ध्यान केंद्रित करना था।
साइकिल यात्रा 12 व 18 मार्च के बीच भारत के चारों कोनों में आयोजित होगी और 25 मार्च 2018 को नई दिल्ली में डॉक्टरों की महापंचायत के साथ संपन्न होगी। डॉक्टरों द्वारा स्वचालित नियामक संस्था आईएमए की देश भर में 1,725 से अधिक स्थानीय शाखाएं हैं।
‘हेल्थ फर्स्ट एंड क्रिएटिंग एवेयरनेस अबाउट एनएमसी बिल अमंग पब्लिक’ यानी पहले स्वास्थ्य और फिर जनता के बीच एनएमसी बिल पर जागरूकता पैदा करने के नारे के साथ पूरे देश में यात्राएं आयोजित की गई हैं।
विधेयक के वर्तमान मसौदे में कुछ जटिलताएं हैं जिसने इस पर एक तेज बहस को हवा दी है।
साइकिल यात्रा के एजेंडे पर बात करते हुए आईएमए के महासचिव डॉ. आर.एन. टंडन ने कहा, एमबीबीएस छात्रों के लिए प्रतियोगी परीक्षा मौजूद है, इसके बिना छात्र चिकित्सा का अभ्यास नहीं कर सकते। वहीं, दूसरी ओर आयुष चिकित्सा के छात्र परीक्षा को पास कर आधुनिक चिकित्सा का अभ्यास कर सकते हैं। आधुनिक चिकित्सा और आयुष के मिश्रण से केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य पर बुरा असर होगा और यह हमारे देश के डॉक्टरों की कमी को भरने का सही तरीका नहीं हो सकता है।
उन्होंने आगे कहा, अन्य चिकित्सा प्रणालियों (आयुष) के स्नातकों के लिए ब्रिज कोर्स केवल एमबीबीएस छात्रों के लिए धोखा होगा। अगर यहां ऐसे उदार प्रावधान कमजोर चिकित्सा पद्धतियों के साथ शामिल किए जाएंगे तो इससे भारतीय आबादी के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।