स्वास्थ्य

छग : अच्छी थी कद-काठी, फ्लोराइड ने जवानी में ही थमा दी लाठी

बीजापुर, 19 फरवरी (आईएएनएस/वीएनएस)। तेजी से पाताल की ओर भागते भू-जल में मिश्रित फ्लोराइड यहां के गांवों के लोगों के जीवन में जहर घोल रहा है। अच्छी कद-काठी वाले युवा भी यहां लाठी पकड़कर चलते देखे जा सकते हैं।

जिले की गुल्लागेटा पंचायत का गेरार्गुडा गांव इस बीमारी की चपेट में है और पूरा गांव दिव्यांग (प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया शब्द) हो गया है।

पीएचई (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी) विभाग के सब इंजीनियर बी. बंजारे ने सोमवार को कहा, स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की ओर से पीने लायक पानी का बंदोबस्त किए जाने के बाद भी गांव में फ्लोराइड पानी की समस्या बनी हुई है। इस गांव के युवा तीस साल की उम्र में ही हड्डियों में विकृति आने के कारण लाठी पकड़कर चलने को मजबूर हैं।

बंजारे के अनुसार, गांव के लोगों के दांत मैले और सड़े हुए नजर आते हैं। ग्रामीणों की शिकायत है कि फ्लोराइड की अधिकता की समस्या का समाधान शासन को ढूढ़ना है, लेकिन यहां स्वास्थ्य विभाग का कोई अमला कभी नहीं आता है।

उन्होंने कहा कि फ्लोराइड की समस्या बस्तर संभाग के कई जिलों में है। बस्तर व बकावंड ब्लॉक के कुछ गांव इससे प्रभावित हैं। यहां पानी में फ्लोराइड की अधिकता के बावजूद ग्रामीण उसका सेवन करने को मजबूर हैं।

नल-जल प्रदाय योजना का संचालन पंचायत द्वारा किया जाता है। बंजारे का कहना है कि विभाग ने योजना तैयार कर पंचायत को सौंप दी है, और अब पंचायत की जिम्मेदारी है कि वह पंप हाउस ठीक रखे और नियमित रूप से पानी की आपूर्ति करे।

उल्लेखनीय है कि गेरार्गुड़ा में फ्लोराइड की समस्या को देखते हुए पीएचई ने गुल्लापेटा में बोर किया। यहां फ्लोराइड की मात्रा 1.5 पीपीएम से अधिक पाई गई है। पंचायत मुख्यालय से पाइपलाइन से गेरार्गुड़ा तक पानी भेजा जा रहा है, पर बीच-बीच में शरारती तत्वों ने मोटर पंप से छेड़खानी कर जल आपूर्ति बाधित कर दिया है। मजबूरी में लोग कुंए का पानी पी लेते हैं। जबकि संपन्न लोग ब्लॉक मुख्यालय से पानी लाते हैं।

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